गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जनपद में रेनबो ट्राउट वर्तमान में मत्स्य पालन के बाद पर्यटन के क्षेत्र में भी रोजगार का साधन बनती जा रही है। रेनबो ट्राउट मछली स्पोर्ट्स फिश के लिए भी जानी जाती है। पर्यटक एंग्लिंग के माध्यम से कैच एवं रिलीज नियम के आधार पर स्पोर्ट्स के रूप में आनंद लेते हैं।

मत्स्य विभाग चमोली की ओर से जनपद की पांच नदियों को 32 बीटों में चिह्नित कर नदी के आस-पास के गांव में गठित समूहों को ठेके आधार पर इन बीटों को देने की योजना है। जहां पर्यटक आकर निश्चित दर पर शुल्क जमा कर एंग्लिंग का आनंद ले सकेगें। इसमें नवयुवकों को परमिट शुल्क के अतिरिक्त फिश एंग्लिंग गाइड के रूप में भी कार्य कर स्वरोजगार मिल सकेगा। गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया है। मत्स्य विभाग ने आम जनमानस से अपील है कि फिश एग्लिंग में अपना योगदान एवं सहयोग करें। इस कार्य से रोजगार के साथ अवैध मत्स्य आखेट पर भी अंकुश लगेगा।

जिले के किसान मत्स्य पालन के क्षेत्र में राज्य मे अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। इसमें मत्स्य प्रक्षेत्र बैरांगना एवं मत्स्य प्रक्षेत्र तलवाडी का अहम योगदान रहा है। इन दोनों ही प्रक्षेत्रों से मत्स्य बीज उत्पादन कर पूरे राज्य में ट्राउट मत्स्य बीज की आपूर्ति की जाती है। विभागीय सहयोग से ग्राम वाण में भी एक व्यक्तिगत हैचरी तैयार कर मत्स्य बीज उत्पादन एवं विक्रय शुरू किया गया है। जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। जनपद चमोली में गंगा की सहायक नदियों में भी रेनबो ट्राउट पायी जाती है। विभाग द्वारा इन नदियों भी मत्स्य बीज संचित किए जाते हैं।

इधर, मत्स्य विभाग चमोली के प्रभारी सहायक निदेशक मत्स्य जगदम्बा कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में विभाग की ओर से चार से पांच बीटों में पायलट रूप में इस योजना को शुरू करने जा रहा है। जिसके लिए जल्द ही टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। गाइड के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है।

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