थराली (चमोली)। देश-विदेश के ट्रैकरों की पसंदीदा पर्यटक स्थानों में सुमार रहस्मयी रूपकुंड में एक बार फिर से देशी-विदेशी यात्रियों की चहल-पहल बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय जनता ने इस ट्रैक रूट के मध्य में स्थित पत्थीरीले बुग्याल बगुवांवासा एवं पातरनचैनियां में ट्रैकरों के रात्रि विश्राम की अनुमति देने की वन विभाग से मांग की हैं।

रूपकुंड पर्यटन विकास संघर्ष समिति लोहाजंग के अध्यक्ष इंद्र सिंह राणा ने बदरीनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक गोपेश्वर को गुरूवार को भेजे एक पत्र में कहा हैं कि उच्च न्यायालय नैनीताल ने बुग्यालों क्षेत्रों में रात्रि प्रवास पर पूरी तरह से रोक लगाई हुई हैं। इसी के तहत पिछले दो-तीन सालों से सहासिक यात्राओं में सुमार रूपकुंड की यात्रा पर देशी विदेशी पर्यटकों एवं सहासिक यात्रियों का आवागमन लगभग पूरी तरह से बंद हो गया हैं। बताया है कि रूपकुंड आने-जाने में यात्रियों को कम-से-कम चार से पांच दिन लगते हैं। यात्रा बंद होने के कारण प्रति वर्ष करीब एक करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हो रहा हैं। पत्र में कहा गया हैं कि रूपकुंड यात्रा ट्रैक पर पातरन चैनियां व बगुवावासा दो ऐसे क्षेत्र हैं जोकि बुग्यालों के बीच में तो स्थित हैं। किंतु यें दोनों स्थान मखमली बुग्यालों के बजाय पथरीलें क्षेत्र हैं। यहां पर रात्रि विश्राम की इजाजत दिए जाने से बुग्यालों को किसी भी तरह की क्षति नही पहुंच सकती हैं और हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना नहीं होगी। पत्र के माध्यम से डीएफओ से समिति के अध्यक्ष राणा ने बगुवावासा एवं पातरनचैनियां में रात्रि विश्राम करने की इजाजत दिए जाने एवं रात्रि विश्राम के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग की हैं।

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
                   
                                                         

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!