गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लॉक के रतूडा गांव निवासी छात्र आभास मालगुडी ने इंटरनेशनल नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) के तहत आयोजित सेमिनार में गणित के शोध पत्र पर आधारित पेपर प्रस्तुत किया।

भारतीय शिक्षा और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने को लेकर आईआईटी जोधपूर के छात्र आभास मालगुडी ने सेमिनार में गणित पर आधारित शोध पत्र प्रस्तुत किया। जेएनयू नई दिल्ली के भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नेशनल अकादमी कॉंफ्रेस में 700 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत हुए। इनमें से 80 शोध पत्र चयनित हुए। इनमें आभास मालगुडी के शोध पत्र को चयन में शामिल किया गया। आभास ने बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा विज्ञान के साथ आध्यामिक ज्ञान पंरपरा को जोड कर चलना हमारे पंरपरा रही है। दर्शन, विज्ञान तथा गणित के गहन समन्वय पर ही यह कांन्फ्रेस आयोजित की गई।

कुलपति प्रो. शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने जानकारी दी कि इसमें आभास के शोध पत्र को भी चयन का हिस्सा बनाया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा और भारतीय ज्ञान पंरपरा का वैश्विक स्तर पर पुनर्जागरण हो रहा है। उनका कहना है कि भारतीय प्राचीन ज्ञान विज्ञान की पंरपरा विलुप्त होती जा रही है। उन्होंने बताया कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा में सुधार और नवाचार पर विचार विमर्श करना रहा है।

इसके चलते ही इस तरह के सेमिनार आयोजित किए जा रहे है। तीन दिनों के सेमिनार में देश के विभिन्न विधाओं के विद्वानों ने प्रतिभाग कर 21वीं सदी में विज्ञान के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान को जोड़कर आगे चलने चलने की परंपरा पर बल दिया। इस मौके पर विभिन्न देशों के विद्वानों और शोधकर्ताओं ने व्याख्यान दिए जबकि स्कालर्स ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति जगदीश धनखड़, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा सरमा, प्रिंसटन विश्व विद्यालय अमेरिका के प्रो. मंजुल भार्गव समेत नामी हस्तियां मौजूद रही।

 

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