गोपेश्वर (चमोली)। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर 16 नवंबर को जिला सूचना कार्यालय चमोली में ‘‘चेंजिंग नेचर ऑफ प्रेस’’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें मीडिया प्रतिनिधियों ने प्रेस की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस दौरान मीडिया में भ्रामक खबरों के प्रकाशन-प्रसारण से होने वाली समस्याओं को भी उजागर किया गया।

वरिष्ठ पत्रकार क्रांति भट्ट ने संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए ‘‘चेंजिंग नेचर ऑफ प्रेस’’ विषय पर अपने विचार और सुझाव रखे। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्विमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी) के इस युग में पत्रकारिता के मूल मूल्यों को संरक्षित रखना एक चुनौती है। इसमें कुछ फायदे है तो कुछ नुकसान भी है। नैतिक मुद्दे और सार्वजनिक विश्वास को बनाये रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में पत्रकारिता की प्रवृत्ति सत्य और तथ्य पर ही टिकी है। परंतु त्वरित जानकारी के दौर में सत्य और तथ्य को संभाले रखना चुनौती है। जल्दी में समाचारों के प्रसारण की चुनौती से पार पाने के लिए इस मेधा का उपयोग करना कई बार तथ्य विहीन सूचनाओं के प्रसारण की चुनौती बनी हुई है। ऐसे में जमीनी मीडियाकर्मियों को संवेदनशीलता और तथ्यात्मकता के साथ कृत्रिम मेघा के उपयोग करना आवश्यकता है। वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद सेमवाल ने कहा कि पत्रकारिता में नकारात्मकता से हटकर सकारात्मक होकर काम किया जाना चाहिए। एक पत्रकार को समाचार लेखन में समाचार के सभी पक्षों को जनता के सामने रखा जाना चाहिए। संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार पुष्कर चौधर और लक्ष्मण सिंह राणा ने भी पत्रकारिता के मूल्यों और पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर अपने विचार रखे। संगोष्ठी का संचालन सूचना कार्यालय के अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी रवेन्द्र सिंह नेगी ने किया। इस मौके पर पत्रकार सुरेंद्र गडिया, मनोज रावत आदि मौजूद थे।

 

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