गोपेश्वर (चमोली)। जिले के कर्णप्रयाग में गुरूवार को आयोजित किसान उत्पादक स्वायत्त सहकारिता की मासिक बैठक में बोलते हुए हिमाद संस्था के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि किसान उत्पादक समूहों के माध्यम से स्थानीय संसाधनों पर आधारित लघु उद्यमों को विकसित करने के लिए उत्पादक समूह सदस्यों को वैज्ञानिक तकनीकी के माध्यम से सशक्त करना होगा।
हिमाद सचिव ने कहा कि उत्पादक समूहों को परम्परागत खेती, पशुपालन, फल प्रस्करण मस्य पालन, मुर्गीपालन उद्यानीकरण एंव बागवानी में वैज्ञानिक तकनीकी को अपनाना होगा, तभी ग्रामस्तर पर गठित किसान उत्पादक समूह दुग्ध व्यवसाय, स्थानीय कृषि उत्पादनों की ग्रेडिग एवं पैकेटिग के साथ ही ग्राम स्तर पर लघु उद्यमों को विकसित कर स्वरोगार प्राप्त कर सकते है। उन्होने कहा कि विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की ओर से किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से लघु एवं सीमान्त किसानों को उत्पादन वृद्वि के साथ ही शुद्ध आय बढाने के लिए बेहतर बाजार को सुगम बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि कर्णप्रयाग विकास खण्ड के गांवों में हिमोत्थान सोसायटी एवं टाटा ट्रस्ट के सहयोग से संस्था किसान उत्पादक संगठनों का गठन कर किसानों की उत्पादन और विपणन की समस्याओं को चिहिन्त कर उन्हें बेहतर बाजार लिंकेज बनाने के लिए कार्य कर रही है।
इस अवसर पर हिमाद के समन्वयक अनिल सती ने बताया कि ग्राम स्तर पर किसान संगठन के सदस्यों को बेहतर उत्पादन के लिए बीज उर्वरक, कीटनाशक के साथ ही खेती की वैज्ञानिक तकनीकीयों पर क्षमता विकास किया जा रहा है। साथ ही बीज उत्पादन, कृषि उत्पादनों की समय से सफाई, छटाई, ग्रेडिग पैकिंग से भी रूबरू किया जा रहा है। उन्होने बताया कि किसान समूह की ओर से उत्पादित सामाग्री के विपणन के लिए कलस्टर स्तर पर स्वायत्त सहकारिता का गठन कर बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक मेें, सरिता देवी, हेमा देवी, भागेेश्वरी देवी पुष्पा देवी आशा देवी, पार्वती देवी, कल्पेश्वरी देवी, राजेश्वरी देवी, हिमाद के भूपेन्द्र गुसाई, काजल रावत, संदीप चैहान, विनोद मंमगाई, तेजन्द्र्र नेगी, पुष्कर लाल आदि ने विचार व्यक्त किये।