गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के मैठाणा गांव तथा सीमावर्ती क्षेत्र में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों ने अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर बुधवार को जिलाधिकारी चमोली को एक ज्ञापन सौंपा।

अनुसूचित जाति के धीरेंद्र सिंह गडोरिया, कीरत सिंह भंडारी का कहना है कि चमोली जिले के बदरीनाथ हाइवे पर स्थित मैठाणा गांव में एसटी के 35 परिवार निवास करते है। वर्ष 2017 में अलकनंदा नदी ने अपना रूख बदलते हुए इन परिवारों भूमि तथा कुछ आवासीय भवनों को क्षति पहुंचा दी थी। जिसके बाद सिंचाई विभाग की ओर से यहां पर सुरक्षा दीवार लगाई गई थी लेकिन सुरक्षा दीवार और गांव के मध्य 20 मीटर से अधिक की खाई छूट गई थी जिसे भरा नहीं गया। जिससे अभी भी गांव को खतरा बना हुआ है। सरकार की ओर से इस गांव को माडल गांव बनाया जा रहा है लेकिन जब गांव ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो माडल गांव की कल्पना धरातल पर कैसे उतरेगी लिहाजा इस गांव को बचाने के लिए सुरक्षा दीवार और गांव के बीच बनी खाई को भरा जाय ताकि अलकनंदा नदी का पानी इस ओर न आ सके।

उन्होंने डीएम से यह भी समस्या रखी की सीमावर्ती बाइव्रेंट विलेज नीती, गमशाली, बाम्पा, फरकिया, महरगांव, कैलाशपुर ने बीआरओ की ओर से 2021 से सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है जिसमें यहां के निवासियों की नाप भूमि को भी अधिग्रहित किया गया लेकिन अभी तक इसका मुआवजा नहीं दिया गया है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि बीआरओ से अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिलावाया जाए। इस मौके पर धीरेंद्र गरोडिया, कीरत सिंह, उषा रावत, गुड्डी देवी, जयंती देवी, लीला देवी, भगत टोलिया, प्रेम सिंह आदि मौजूद थे।

 

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