थराली (चमोली)। चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आगामी दो अक्टूबर से मुख्यमंत्री आवास के सम्मुख आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। जिसमें लिए समिति की ओर से उत्तराखंड के सभी पूर्व प्रस्तावित शहीद स्थलों से कलश में मिट्टी भर कर धरना दिया जाएगा।
समिति के केंद्रीय संरक्षक राजेन्द्र रावत और केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को थराली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि 30 अगस्त 2021 को समिति की कोर कमेटी ने राज्य आंदोलनकारियों को राज्य स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए जाने, समय-समय पर आंदोलनकारियों के लिए जारी शासनादेश को एकत्रित कर के एक एक्ट बनाने, सभी चिह्नित आंदोलनकारियों को सम्मान जनक पेंशन दिए जाने, सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने, चिह्निीकरण से वंचित सभी सक्रिय आंदोलनकारियों का चिन्हिकरण किए जाने सहित तमाम अन्य मुद्दों पर चर्चा करते हुए एक मांग पत्र एसडीएम रूड़की के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया था। जिसमें मांगों पर ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए दो अक्टूबर से सीएम आवास पर मांगों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी गई थी। उन्होंने बताया कि अभी तक भी सरकार की ओर से मांगों पर किसी भी तरह की सकारात्मक पहल नही की गई हैं। जिससे राज्य के आंदोलनकारियों में सरकार के खिलाफ गहरी नाराजगी हैं। उन्होंने कहा कि समिति ने तय किया है कि दो अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाएं जाने के साथ ही राजधानी देहरादून में सीएम आवास पर आमरण-अनशन शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आंदोलन के तहत 30 सितंबर को सभी शहीद स्थलों जिसमें रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर, श्रीयंत्र टापू, खटीमा तथा मसूरी से लाई गई पावन माटी कलशो के साथ राजधानी के साथ ही अन्य शहीद स्थलों पर संकेतिक रूप से धरना दिया जाएगा। इसके बाद एक अक्टूबर को शहीद माटी कलशों के साथ राजधानी में सांकेतिक रूप से अनशन करने के साथ ही दो अक्टूबर से सीएम आवास के बहार आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा।
