जोशीमठ (चमोली)। चमोली जिले के नगर पालिका जोशीमठ में कार्यरत एक पर्यावरण मित्र की संदिग्घ परिस्थितियों में मौत हो गई है। जहां चिकित्सालय प्रशासन की ओर से व्यक्ति की मौत हृदयाघात से बताई जा रही है। वहीं मृतक के शव को कोविड अस्पताल श्रीनगर पोस्टमार्टम के लिये भेजे जाने पर परिजनों ने कोविड वैक्सीन से मौत की आशंका जताई है।

बता दें कि मुरादाबाद के नसीमपुर गांव निवासी 55 वर्षीय वीर सिंह बीते 28 वर्षों से नगर पालिका जोशीमठ में पर्यावरण मित्र के पद पर कार्य कर रहा था। मृतक के बेटे बंटी और सचिन का कहना है कि उनके पिता को बुखार था जिसका इलाज चल रहा था। ऐसे में कोरोना वैक्सीनेशन के क्रम में उनका बुधवार को टीकाकरण किया गया। जिसके बाद उनकी गुरूवार को मौत हो गई। वहीं जोशीमठ चिकित्सालय प्रशासन की ओर से स्थानीय स्तर पर पोस्ट मार्टम करने के बजाय पिता के शव को पोस्ट मार्टम के लिये कोविड अस्पताल श्रीनगर भेज दिया गया है। जो संशय पैदा कर रहा है। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सत्य प्रकाश नौटियाल ने बताया कि चिकित्सकों ने वीरसिंह की मौत हृदयाघात से होने की बात कही है।

 

क्या कहते है सीएमओ

जोशीमठ में पर्यावरण मित्र की मौत का मामला सामने आया है। हालांकि कोविड वैक्सीनेशन के बाद निर्धारित आधे घंटे तक निगरानी में रखने के दौरान उसकी स्थिति सामान्य थी। वहीं परीक्षण में प्रथम दृष्टा मृतक की मौत हृदयाघात से होना प्रतीत हो रहा है। लेकिन मौत के सही कारणों को जानने के लिये शव को मेडिकल कॉलेज श्रीनगर पोस्ट मार्टम के लिये भेजा गया है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत के सही कारणों का पता लग सकेगा।

डा. जीएस राणा, सीएमओ, चमोली।

 

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