– महाविद्यालय गोपेश्वर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन

गोपेश्वर (चमोली)। महाविद्यालय गोपेश्वर में अर्थशास्त्र विभाग एवं सामाजिक आर्थिक विकास परिषद, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड (एसेड) के संयुक्त तत्त्वाधान में भारत से विकसित भारत विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन हो गया है। विदाई सत्र के मुख्य वक्ता आगरा विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर ही विकास की नीतियां बनाई जानी चाहिए, तभी वास्तविक रूप से भारत विकसित हो पाएगा।

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी चमोली विवेक प्रकाश ने कहा कि आय के पारंपरिक स्रोतों एवं आधुनिक स्रोतों का समन्वय स्थापित कर ही विकसित भारत की संकल्पना साकार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आय के स्रोतों एवं जनसंख्या नियंत्रण में एक संतुलन होना चाहिए। कार्यक्रम अध्यक्ष गोपेश्वर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. कुलदीप नेगी ने कहा कि पहाड़ में बढ़ती हुई पर्यटकों की आबादी आय के नए स्रोतों को जन्म दे रही है, लेकिन चारधाम यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाना होगा। गोष्ठी के संयोजक प्रो. विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि इस संगोष्ठी में 74 शोध पत्र पढ़े गए। सभी शोध पत्र विकसित भारत के नीति निर्माण में सहायक सिद्ध होंगे। संगोष्ठी में डॉ. सरिता द्विवेदी को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

गोष्ठी के आयोजक सचिव डा. एसके लाल ने कहा कि यह संगोष्ठी विभिन्न मायनों में सफल साबित हुई है और आगे भी इस तरह के आयोजन संचालित किए जायेंगे। इस अवसर पर प्रो. एनएमपी वर्मा, प्रा.े अल्पना श्रीवास्तव, प्रो. चंद्रावती जोशी, प्रा.े अमित जैसवाल, डॉ. सरिता द्विवेदी, डॉ. हर्षी खंडूरी, डॉ. भावना मेहरा, डॉ. विनीता नेगी, डॉ. बीपी देवली, डॉ. जगमोहन नेगी, डॉ. अभय कुमार, डॉ. राजेश कुमार मिश्र, डॉ. रमाकांत यादव, डॉ. एसपी उनियाल, डॉ. विकास प्रधान आदि उपस्थित रहे।

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