गोपेश्वर (चमोली)। प्रधानमंत्री के महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने में जुटे स्वजल कर्मी पिछले एक साल से वेतन की राह देख रहे है। शासन की ओर से वेतन का भुगतान करने के बजाय हाल ही में उनके वेतन से कटौती के आदेश भी जारी कर दिए गए। ऐसे में स्वजल कर्मियों में आक्रोश है व उन्होंने शोषण का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
जिला अध्यक्ष चमोली स्वजल कर्मचारी संघ लक्ष्मण सिंह राणा, संजय पंत, संतोष खनेडा, व मनीष कुमार ने बताया कि शासन के द्वारा कर्मचारियों को 11 महीनों तक वेतन भत्तों से वंचित रखते हुए जनवरी 2021 में ऐसा तुगलकी फरमान जारी किया कि इन कर्मचारियों के विगत 11 महीनों के वेतन भत्तों में भारी भरकम कटौती करके कर्मचारियों का मासिक वेतन एक चैथाई के आदेश जारी कर दिए गए है। शासन के तानाशाही रवैये से प्रदेशभर के सभी विभागीय कर्मचारी पिछले 11 महीनों से आर्थिक, सामाजिक और मानसिक समस्याओं से जूझ रहे है। उनका कहना है कि यदि शीघ्र की उनके वेतन का भुगतान नही किया जाता है तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।