गोपेश्वर (चमोली)। विष्णुगाड़-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना की निर्मात्री कंपनी टीएचडीसी की ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा गया है कि हाट में की गई कार्रवाई भूमि अधिग्रहण के बाद किया बताया गया है। कंपनी प्रबंधन ने 28 प्रभावितों से अनुरोध के बाद भी देय न लिये जाने की बात कही है। कहा गया 2011 से सभी शेष प्रभावितों से देय लिये जाने के लिये अनुरोध किया जा रहा है।
टीएचडीसी उप महाप्रबंधक ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि परियोजना निर्माण के लिये हाट गांव की भूमि अधिग्रहण के बाद भवन और भूमि का प्रतिकर वितरित किया गया है। जबकि 124 प्रभावितों को 10 लाख का विशेष पैकेज भी प्रदान किया गया है। ऐसे में गांव के 140 प्रभावितों में से 112 की ओर से देय प्राप्त कर स्वयं के भवन ध्वस्त किये जा चुके हैं। 26 भवन स्वामियों से अनुरोध के बाद देय नहीं लिये गये। जिस पर वार्ता के बाद बीते अगस्त माह में 10 भवनों को अगस्त व सितम्बर माह में स्वयं ध्वस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही शेष 16 भवनों को खाली व ध्वस्त करने को लेकर कंपनी की ओर से नोटिस जारी किये गये। नोटिसों का अनुपालन न किये जाने पर समाचार पत्रों के माध्यम से भी सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की गई। जिसके बाद बुधवार को परियोजना निर्माण में बाधक बन रहे भवनों का ध्वस्तीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिये सदैव कार्य करती रहेगी।