प्रभावितों ने लगाये प्रधानमंत्री मोदी, प्रदेश सरकार, और डीएम के विरोध में नारे

गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के हाट गांव के जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों ने शुक्रवार को जुलूस प्रदर्शन कर टीएचडीसी के कार्यालय पर जमकर हंगामा काटा, परियोजना के अधिशासी निदेशक के कार्यालय और आवास को घेराव किया, वहीं प्रभावितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश सरकार, डीएम के विरोध में नारेबाजी की। चेतावनी दी कि यदि तीन अक्टूबर के प्रस्तावित बैठक में उनके समझौते के अनुसार फैसला न होने पर आत्मदाह किये जाने की धमकी दी है।

बता दें कि बीते बुधवार 22 सितम्बर को जल विद्युत परियोजना की निर्मात्री कंपनी टीएचडीसी की ओर से हाट गांव के विस्थापितों के घरों को जबरन तोड़ दिया गया है।  जिसके बाद से हाट गांव के चार परिवार बेघर हो गये थे। जिसके बाद से प्रभावितों में भारी आक्रोश व्याप्त है। हाट के प्रधान राजेंद्र हटवाल के नेतृत्व में शुक्रवार को ग्रामीणों ने हाट गांव से लेकर टीएचडीसी के कार्यालय तक जुलूस प्रदर्शन किया साथ ही टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक के  आवास का भी घेराव किया। ग्राम प्रधान हाट राजेंद्र हटवाल, जेष्ठ प्रमुख पंकज हटवाल, नरेंद्र पोखरियाल, मुकेश गैरोला, नर्वदा देवी, सुंदरी देवी, इंद्र प्रकाश पंत आदि का कहना है कि प्रशासन और टीएचडीसी ने एक कमेटी का गठन कर तीन अक्टूबर को कमेटी की बैठक के बाद सर्वमान्य हल निकाले की बात की थी लेकिन इससे पूर्व ही उनके आशियानों को तोड़ दिया गया है। उन्हें इतना मौका तक नहीं दिया गया कि वे अपना सामान घरों से निकाल सकें। उनका कहना है कि चार परिवार ऐसे है जिन्होंने अभी तक विस्थापन के लिए तय की गई धनराशि भी नहीं ली है उसके बाद उनके घरों को तोड़ दिया जाना न्याय संगत नहीं है। ग्राम प्रधान हाट ने चेतावनी दी है कि यदि तीन अक्टूबर की बैठक में उनके समझौते के अनुसार हल नहीं निकाला जाता है तो वे जिलाधिकारी कार्यालय के सम्मुख आत्मदाह करेंगे और इसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

 

प्रदर्शन के दौरान अवतरित हुए कई देवी-देवता

हाट गांव के ग्रामीणों की ओर से किये जा रहे टीएचडीसी अधिशासी निदेशक के आवास के घेराव के दौरान कई महिलाओं  और पुरूषों पर उनके कुल देवी देवता भी अवतरित हुए जिससे माहौल और भी अधिक गमगीन हो गया।

 

रोते बिलखते रहे प्रदर्शनकारी

प्रदर्शन के दौरान प्रभावित परिवार महिलाऐं और पुरूष अपने आशियानों को तोड़ने और गांव से हटाये जाने से इतने भावुक थे कि उनके आंखों से लगातार अश्रुधारा बहती जा रही थी। वे सभी आपस में एक दूसरे से सांत्वना देते रहे लेकिन उनकी बात सुनने को टीएचडीसी की ओर से कोई भी अधिकारी आगे नहीं आया और दूर से ही तमाशायी बना हुआ रहा। 

 

 

अपने ध्वस्त भवनों में देवताओं के निशान ढूढ रहे हाट के ग्रामीण

हाट में बुधवार को टीएचडीसी की ओर से की गई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में यहां का बग्डवाल मंदिर भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जिसके बाद अब शुक्रवार को अपने ध्वस्त हुए गांव में ग्रामीण पूरे दिन देवताओं के निशानों को ढूंढते रहे।

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