पोखरी (चमोली)। चमोली जिले के पोखरी विकास खंड के मस्ट गांव के परिवारों को जलापूर्ति करने वाली पेयजल लाइन 2013 की आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थी। लेकिन धनराशि स्वीकृति के बाद भी नौ साल व्यतीत होने पर अभी तक पेयजल लाइन नहीं बन पायी है। जिसको लेकर गुरूवार ग्रामीणों ने एक ज्ञापन मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को भेजा है।

मस्ट गांव के विश्वेश्वर प्रसाद सती का कहना है कि मस्ट गांव में 25 से 30 परिवार निवास करते है जिनकी जलापूर्ति के लिए वर्ष 1985-86 में पेयजल लाईन बनायी गई थी। जिससे ग्रामीणों के साथ ही मवेशियों को भी पानी की आपूर्ति हो रही थी लेकिन वर्ष 2013 की आपदा में यह पेयजल  लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाकर इस पेयजल लाइन की मरम्मत की मांग की जिसपर क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को ठीक करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 37.87 लाख की धनराशि स्वीकृत की। लेकिन धनराशि स्वीकृत होने के बाद भी अभी तक पेयजल लाइन का मरम्मत का कार्य आरंभ नहीं हो पाया है। उनका कहना है कि पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सीएम से क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को सुचारू करवाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है।

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