जोशीमठ (चमोली)। चमोली जिले के उर्गम घाटी में स्थित फ्यूंला नारेण मंदिर में नंदा अष्टमी की पूजा के बाद दो माह तक खुले मंदिर के कपाट बुधवार को नवमी की पूजा संपन्न होने के बाद शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये हैं। कोरोना के चलते इस वर्ष मंदिर के कपाट सादे समारोह के साथ बंद किये गये। इस दौरान जहां प्रातःकाल भगवान नारायण के श्रृंगार का जिम्मा सम्भाले गोदाम्बरी देवी ने भगवान का विशेष श्रृंगार किया। जिसके बाद यहां पुजारी हरीश सिंह चैहान ने परंपराओं का निर्वहन करते हुए पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट शीतकाली के लिये बंद कर दिये गये हैं। स्थानीय निवासी लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि मंदिर के कपाट पौराणिक परंपरा के अनुसार आगामी वर्ष श्रवण सक्रांति को दर्शनों के लिये खोले जाएंगे।

 

कैसे पहुंचे फ्यूंला नारेण मंदिर

चमोली जिले की मध्य हिमालय में नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित फ्यूंला नारेण मंदिर पंच केदारों में से पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर से चार किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थिति है। यहां पहुंचने के लिये बदरीनाथ हाईवे के हेलंग पडाव से करीब पांच किलोमीटर की सड़क दूरी पार कर कल्पेश्वर मंदिर पहुंचा जाता है। जहां से चार किलोमीटर पैदल मार्ग की चढाई कर फ्यूंला नारेण मंदिर पहुंचा जाता है। यहां मार्ग में देवग्राम और उर्गम गांव में होम स्टे में आवास और भोजन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है।

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