गोपेश्वर (चमोली)। सोमवार को मतदान के बाद चमोली जिले के तीनों विधान सभाओं के 31 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद भी aपता चलेगा कि किसके सर ताज सजता है। लेकिन इससे पहले अब प्रत्याशी और उनके समर्थक जीत हार की गणित में जुट गये है। मंगलवार को दिन भर शहर के हर नुक्कड से लेकर चाय की दुकान और होटलों में हर कोई जीत हार के आंकडे लगाने में जुटे थे। हर कोई किसी ने किसी को अपने आंकडों से जीतने की भरपूर कोशिश में जुटा था।

चमोली जिले में इस बार 61.37 फीसदी मतदान हुआ है। जिसमें बदरीनाथ विधान सभा में 64.27, थराली में 59.48 और कर्णप्रयाग में 60.28 फीसदी मतदान हुआ है। जबकि 2017 में बदरीनाथ विधान सभा में 62.32, थराली में 57.17 और कर्णप्रयाग में 56.57 फीसदी मतदान हुआ था। उस समय तीनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को विजश्री मिली थी। वर्तमान समय में तीनों सीटों पर मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। जिससे विपक्षी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे है। राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि जब भी मतदान का प्रतिशत बढ़ता है तब विपक्ष को फायदा पहुंचता है लेकिन कुछ लोगों का ये भी मनना है कि इस बाद मतदान का समय एक घंटा और अधिक बढ़ाये जाने से भी मतदान का प्रतिशत बढ़ा है जिससे सत्ता पक्ष को भी फायदा मिल सकता है।

मंगलवार सभी प्रत्याशियों के कार्यालयों में जीत हार के आंकड़े लगते रहे। हर एक अपनी जीत  को पक्की बताकर खुश नजर आ रहा है लेकिन मतदाता ने किसके भाग्य पर अपनी मुहर लगायी है यह सब अभी भविष्य की गर्त में छिपा हुआ है। कुल मिलाकर हर कोई आंकड़ों के आधार पर अपनी जीत सुनिश्चित करने में जुटा हुआ है।

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
                   
                                                         

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!