जोशीमठ (चमोली)। चमोली जिले के भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र और नीती घाटी के गांवों को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक गांव के समीप चार दिनों बाद भी सुचारु नहीं हो सका है। ऐसे में यहां एसडीआरएफ की ओर से बुधवार को धौली गंगा पर रोप के सहारे ग्रामीणों को निकाले के प्रयास शुरु किये गये। लेकिन धौली गंगा का प्रवाह अधिक होने से यहां यह व्यवस्था भी सुचारु नहीं हो पा रही है। ऐसे में यहां चार दिनों बाद भी आवाजाही करने वाले लोगों की दिक्कतें जस की तस बनी हुई हैं।
बता दें कि बीती 13 अगस्त को घाटी को जोडने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर तमक गांव के समीप पहाड़ी से पत्थरों और मलबे के गिरने का सिलसिला शुरु हो गया था। जिसके बाद यहां वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी हुई है। ऐेसे में ग्रामीणों की मांग पर बुधवार को प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को घाटी से निकालने के लिये एसडीआरएफ की मदद से धौली नदी पर रोप के सहाने निकालने की योजना बनाई गई। लेकिन नदी का बहाव तेज होने के चलते योजना कारगर साबित नहीं हुई जिसके चलते घाटी से बाहर आने वाले लोगों को बुधवार को भी नहीं निकाला जा सका। एसडीआरएफ के हेड कांस्टेबल मंगल भाकुनी ने बताया कि नदी का बहाव बहुत तेज है जिसके चलते रोप के जरिये ग्रामीणों को निकाल पाना मुश्किल हो रहा है।