गोपेश्वर (चमोली)। जिले के जोशीमठ विकास खंड के उर्गम घाटी के पिलखी गांव के ग्रामीणों ने स्वयं श्रमदान कर अपना गांव का रास्ता खोलने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कारण आये मलवे से गांव का रास्ता बंद हो गया था। काफी समय तक प्रशासन और विभाग से गुहार लगाने के बाद अंत में ग्रामीणों ने सोमवार को स्वंय ही गेंदी, फावडा, सबल लेकर रास्ता खोलने का निर्णय लिया।

उर्गम घाटी के भरकी भेंटा चक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांव को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण का काम चल रहा है जिससे पिलखी गांव को जाने वाले पैदल रास्ते पर सड़क निर्माण का मलवा आने से रास्ता कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। ग्रामीणों ने इस रास्ते को खोलने के लिए प्रशासन और विभाग से काफी बार मिल कर समाधान निकालने की मांग की लेकिन कोई समाधान न होने पर अंत में ग्रामीणों ने स्वयं ही गांव का रास्ता श्रमदान से बनाने का निर्णय लिया। इस पैदल मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से गांव के लोगों को काफी दिक्कते आ रही थी सबसे ज्यादा परेशानी बीमार, बुजुर्ग और बच्चों को इससे दो-चार होना पड़ रहा था। युवक मंगल दल अध्यक्ष नंदा सिंह नेगी ने बताया कि उन्होंने पैदल मार्ग के सुधारीकरण को लेकर मुख्य विकास अधिकारी और पीएमजीएसवाई पोखरी को पत्र  भी भेजा था लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने गांव में बैठक कर पैदल रास्ते को खोलने का विचार बनाया जिस पर सभी लोगों ने सहमति दी और रास्ता निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि लगभग तीन किलोमीटर पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो रखा है। जिसके लिए धनराशि स्वीकार होनी चाहिए थी परंतु कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी जा रही है। ग्रामीणों की दिक्कतों को देखते हुए श्रमदान के माध्यम से पैदल रास्ता सुधारीकरण किया जा रहा है।  श्रमदान करने वालों में भोला सिंह नेगी, अमर सिंह, धर्म सिंह, भागीरथी देवी, कुंवर सिंह नेगी, भरत सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह नेगी, देवेंद्र सिंह पंवार, दर्शन सिंह नेगी आदि ग्रामीण शामिल थे।

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