डिवाइस की मदद से मशीनों में तकनीकि खराबी का पहले ही लगाया जा सकेगा पता

कर्णप्रयाग (चमोली)। सरकारी स्कूल से पढ़े कर्णप्रयाग के युवा डा. रत्नेश थपलियाल स्विटजरलैंड में एक विख्यात शख्सियत के रूप में सामने आए हैं। रत्नेश ने अपने तीन और साथियों के साथ यहां स्टार्टअप शुरू किया है।

शिक्षा अधिकारी रहे स्व. तेजप्रकाश थपलियाल और उषा थपलियाल के बेटे डा. रत्नेश थपलियाल की प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर और माध्यमिक शिक्षा वार मेमोरियल राजकीय इंटर कालेज कर्णप्रयाग से हुई। बकौल रत्नेश स्नातक आईआईटी रूड़की और परास्नातक मुंबई से करने के लिए स्विटजरलैंड से भौतिकी में शोध किया। वर्ष 2004 में स्विटजरलैंड जाने के बाद अब पिछले तीन साल से तीन अन्य के साथ स्टार्ट अप का काम कर रहे हैं। डा. रत्नेश के अनुसार उनकी कंपनी ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है। जो किसी भी मशीन के खराब होने से करीब चार से छह सप्ताह पहले की खराबी का सिग्नल दे देता है। जिसके लिए वह भारत में भारतीय रेलवे, सेना, नौ सेना सहित कई अन्य देशों में काम कर रहे हैं।

उत्तराखंड में लगाना चाहते हैं स्टार्ट अप

एक पोर्टल को दिए साक्षात्कार में डा. रत्नेश ने उत्तराखंड में भी स्टार्ट अप शुरू करने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि यह कब होगा इसका समय तय नहीं है। लेकिन उत्तराखंड के लोकल खाद्य पदार्थ, टूरिज्म, रॉक क्लाइबिंग, पैराग्लाइडिंग में अच्छा स्कोप बताया है।

 

डा. रत्नेश ने बढ़ाया मान

कर्णप्रयाग के वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश पुरोहित, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुभाष गैरोला, भाजपा जिला महामंत्री समीर मिश्रा सहित कई लोगों ने डा. रत्नेश की उपलब्धि की सराहना की है। नगर पालिका अध्यक्ष दमयंती रतूड़ी, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री हरिकृष्ण भट्ट, उद्यमी रामकृष्ण भट्ट, व्यवसायी महेश खंडूड़ी, हरीश सती, सुभाष सती, विनय डिमरी, अनिल अग्रवाल आदि ने कहा कि डा. रत्नेश ने विदेश में भी पहाड़ का मान बढ़ाया है।

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