आरोपः सड़क पर बनने थें आठ डंपिंग जोन मानक अनुरूप एक भी नही बना डंपिंग जोन
थराली (चमोली)। पांच किलोमीटर मोटर सड़क के निर्माण के लिए सैकड़ों की संख्या में बांज, बुरांश सहित अन्य संरक्षित प्रजाति के पेड़-पौधों को जिस तरह से क्षति पहुंच रही है। उससे सड़क निर्माण में लगी एजेंसी, वन विभाग और प्रशासन सवालों के घेरे में आ गयी है। घंने जंगलों के बीच से बन रही इस सड़क के कारण तीन सौ पेड़ों को नुकसान होने की बात कर जहां वन विभाग ने सड़क निर्माण एजेंसी पर 75 हजार रुपए का जुर्माना लगा वन विभाग ने अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास तो किया है वहीं बांज, बुरांश जैसे महत्वपूर्ण प्रजाति के पेड़-पौधों के संरक्षण के प्रति विभाग की संवेदनशीलता को भी प्रदर्शित कर रहा है।
दरअसल देवाल ब्लाक के अंतर्गत थराली-देवाल-मंदोली मोटर सड़क के किलोमीटर 17 से आगे ताजपुर लगा कांडई से पांच किलोमीटर मोटर सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। दो करोड़ 66 लाख 69 हजार की लागत से बनाई जा रही सड़क के निर्माण का जिम्मा सरकार ने एनपीसीसी को सौपा गया हैं। एनपीसीसी ने इस कार्य की जिम्मेदारी देहरादून की कंपनी गोपाल एसोसिएशन को दिया गया है। किंतु जिस तरह से नियम कानूनों को ताक पर कर सड़क का निर्माण किया जा रहा हैं, उससे कार्यदाई संस्था एनपीसीसी और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इसकी शिकायत पर देवाल के ब्लाक प्रमुख डॉ. दर्शन दानू के नेतृत्व में एनपीसीसी, वन विभाग और राजस्व विभाग की टीम ने जब इस सड़क का निरीक्षण किया तों कई चैकाने वाले तथ्य सामने आए। सड़क का काम कर रही कंपनी ने डंपिंग जोन बनाने के बजाय सड़क कटिंग का मलवा अपनी सुविधा अनुसार इधर-उधर डाला गया है। जिससे सैकड़ों की संख्या में बांज, बुरांश सहित अन्य बहुउपयोगी पेड़-पौधे नष्ट हो गए। ब्लाक प्रमुख डॉ. दर्शन दानू का कहना है कि सड़क पर मानकों के अनुरूप डंपिंग जोन नही बनें हैं। मलवे को पहाड़ियों पर बिखेरने के साथ ही ग्रामीणों की नाप भूमि पर डाल दिया गया हैं। सड़क निर्माण में एलाइनमेंट सहित कई अन्य खामियां पाई गई है। बताया कि उन्होंने अनियमितताओं पर संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि मामले में संतोषजनक कार्रवाई नही होने पर मामले को शासन एवं उच्च प्रशासनिक स्तर पर उठाया जाएगा। ल्वाड़ी के ग्राम प्रधान प्रधुमन सिंह बिष्ट और ताजपुर के प्रधान सुरेंद्र बिष्ट का कहना है सड़क से हो रहे नुकसान की शिकायत की गई है। लेकिन निर्माणदायी संस्था उनकी सुनने को तैयार नहीं है। और अपनी मन मर्जी से कार्य कर नियमों को ताक पर रख रही है।
इधर पूर्वी पिंडर रेंज देवाल के डिप्टी रेंजर त्रिलोक सिंह बिष्ट ने बताया कि कंपनी की ओर से बांज, बुरांश के तीन सौ पेड़-पौधों को क्षति पहुंचाने के आरोप में पिछले महीनों 75 हजार रुपए का जुर्माना कंपनी पर लगाया हैं। जुर्माने के बाद भी किए गए नुकसान का आंकलन कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, वहीं सड़क के संबंध में एनपीसीसी कर्णप्रयाग के सहायक अभियंता अभिषेक का कहना हैं कि इस सड़क के लिए आठ डंपिंग जोनों का निर्माण किया जाना है। अभी तक कितने डंपिंग जोन बने है इसकी जानकारी नहीं दे पाये। उन्होंने कहा कि अनियमितताओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा।
उधर, देवाल तहसील के नायब तहसीलदार अर्जुन सिंह बिष्ट ने कहा कि कंपनी की ओर से सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत परिसंपत्ति को जो नुकसान पहुंचाया गया है उसका आंकलन कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।