गोपेश्वर (चमोली)। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। पहाड़ के दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य और सड़क सुविधाओं का किस प्रकार टोटा बना हुआ है इसकी बानगी निजमुला घाटी में देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य सेवाओं और सड़क के अभाव में दूरस्थ गांव ईराणी की एक गर्भवती महिला को आठ किमी पैदल चलकर कुर्सी की पालकी बनाकर ग्रामीणों ने गभर्वती महिला को पहले सड़क मार्ग और उसके बाद जिला चिकित्सालय गोपेश्वर पहुंचाया।

निजमुला घाटी के ईराणी गांव की मीना देवी पत्नी देव सिंह की बीती रात को प्रसव पीड़ा शुरु हो गई थी, गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते बुधवार को जब सुबह महिला की स्थिति गंभीर बनी तो गांव के ग्रामीणों ने डंडी कंडी की पालकी बनाकर गर्भवती महिला को गांव से आठ किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर पगना मोटर मार्ग तक पहुंचाया। जहां से गर्भवती महिला को वाहन से जिला चिकित्सालय गोपेश्वर पहुंचाया गया। ग्राम प्रधान मोहन नेगी, क्षेत्र पंचायत विजय सिंह का कहना है कि गांव में सड़क सुविधा वऔर  स्वास्थ्य सुविधा के अभाव के चलते ग्रामीणों को आए दिन बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को चिकित्सालय तक पहुंचाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर सरकार जहां दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क व स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे कर रही है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि आए दिन गांव में इस प्रकार की स्थिति बनने से ग्रामीण पलायन करने को भी विवश हैं।

सड़क की मांग को लेकर आमरण अनशन जारी

पाणा ईराणी के ग्रामीण विगत 24 दिनों से सड़क और पुल निर्माण की मांग को लेकर आंदोलन पर ही डटे हुए हैं। बताया कि पाणा गांव के पास ग्रामीण निजमुला पाणा ईराणी मोटर मार्ग पर पुल निर्माण और सड़क निर्माण को लेकर आंदोलन पर ही डटे हुए हैं, वहीं कई दिनों तक धरना देने के बाद ग्रामीणों का पुल और सड़क निर्माण की मांग को लेकर सातवें दिन भी आमरण अनशन जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक शासन प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा है। जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक ग्रामीणों की मांगे न मानी गई तो वे आमरण अनशन पर ही डटे रहेंगे। आमरण अनशन पर बैठे प्रेम सिंह, रघुवीर सिंह का कहना है कि आए दिन गांव से बुजुर्ग ,बीमार व गर्भवती महिलाओं को चिकित्सालय तक पहुंचाने में खासी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। मगर इसके बावजूद भी शासन प्रशासन किसी प्रकार की कोई सुध नहीं ले रहा है। जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश बना है। आमरण अनशन में बैठने वालों में प्रेम सिंह, रघुवीर सिंह,दिनेश सिंह, विजय सिंह शामिल हैं।

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