गोपेश्वर (चमोली)। पतंजलि चारे के नाम पर साइबर ठगी कर लाखों का चूना लगाने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के दो अभियुक्तों को चमोली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के अभियुक्तों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चैबे ने ढाई हजार के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया है। बुधवार को अभियुक्तों को गोपेश्वर लाया गया है।

मामला इस प्रकार है कि सात अक्टूबर 2021 को वादी संजय सिंह चैहान पुत्र देवेन्द्र सिंह चैहान निवासी ग्राम भ्यूंडार थाना गोविन्दघाट जनपद चमोली ने थाना गोविन्दघाट में लिखित तहरीर दी कि उनके पिता देवेन्द्र चैहान (81 वर्ष) ने गूगल के माध्यम से ऑनलाइन पंतजलि गाय चारा मंगवाने के लिए नम्बर सर्च किया गया। जिसके उपरांत इनके पिता ने सर्च की गयी जानकारी पर डॉ. सुनील गुप्ता पंतजलि मोबाइल नंबर 6290480709 प्रदर्शित हुआ। जिस नंबर पर कॉल करने पर डा. सुनील गुप्ता ने चारे की डिलीवरी के लिए 9,860 की मांग की गयी और पांच अक्टूबर को 5,100  रजिस्ट्रेशन फीस तथा 25,000 सिक्योरिटी के तौर पर मांग की गयी जिसका भुगतान गूगल पे से किया गया। छह अक्टूबर को अभियुक्तों ने फिर से 17,220 की मांग की गयी जिसका भुगतान पतंजलि आर्युवेद  लिमिटेड पंजाब नेशनल बैंक बहादराबाद हरिद्धार की शाखा के नाम पर किया गया। लेकिन इसके पश्चात भी उनको गाय का चारा नही पहुंचाया गया। इस तरह अभियुक्तों ने पंतजलि के नाम पर कुल रुपये 57,180 की धोखाधड़ी की गयी। शिकायत के आधार पर थाना गोविन्दघाट में मामला पंजीकृत किया गया।

अपराध की गम्भीरता देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया। टीम ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों तथा अभियुक्तों की ओर शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी। साथ ही सर्विलांस सैल और आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर  अभियुक्तों की लोकेशन के संबंध में जानकारी की गयी जिससे पता चला कि अभियुक्त पटना बिहार में छिपे हुए हैं, जिस पर तत्काल टीम को बिहार रवाना किया गया। पुलिस टीम ने अथक मेहनत और प्रयास से घटना में संलिप्त दो अभियुक्तों परमानन्द पुत्र रघुनन्दन दास निवासी भगवान गंज उम्र-60 वर्ष और राजा बाबू पुत्र रामजी बाबू निवासी भगवान गंज उम्र 28 वर्ष को 12 मार्च को भगवानगंज पटना से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों को स्थानीय न्यायालय से ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर उत्तराखण्ड लाया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि यह संगठित गिरोह देशभर में कई लोगों के साथ धोखाधडी कर चुके हैं। राजा बाबू ने बताया गया कि वह खाता खुलवाने और मोबाइल नंबर को लिंक करवाने के मुख्य एंजेट के रुप में कार्य करता है। हमारे ग्रुप का लीडर आजाद है जो नालंदा बिहार का रहने वाला है वह आजाद ग्रुप के अन्य लोगो के साथ मिलकर गांव के भोले भाले लोगो को विश्वास में लेकर यह बताकर कि आपके खाते में सरकारी योजनाओं के पैसें आयेगें जिसके बाद उनके बैंक खाते खुलवाते थे। गिरोह के मास्टरमाइंड की ओर से उसे पांच हजार रुपये और फर्जी सिम लाकर दिया जाता है और बताया जाता है कि जब भी आप कोई खाता खुलावाओ उसमें ये फर्जी आईडी से लिए नम्बर को रजिस्टर करवा देना। खाता खुलवाने और फर्जी आईडी से लिए मोबाइल नंबर को लिंक करवाने के बाद गिरोह के मास्टरमाइंड को एटीएम कार्ड और फर्जी सिम दे देते है जिससे वो लेन देन कर सके। जिसमें से ढाई हजार रुपये में खाताधारक के खाते में डाला जाता है और ढाई हजार रुपये े कमीशन के तौर पर स्वयं अपने लिए रखता है। आजाद की गिरफ्तारी के लिए नालंदा बिहार में दबिश दी जाएगी। पुलिस टीम में उपनिरीक्षक विनोद चैरसिया, उपनिरीक्षक संजीव चैहान, सिपाही निखिल त्यागी शामिल थे।

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