गोपेश्वर (चमोली)। सरकार की ओर से जहां एक ओर मातृत्व-शिशु सुरक्षा को लेकर जहां विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। वहीं मातृत्व स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही यहां गर्भवती महिलाओं और मरीजों की परेशानियां बढा रही हैं। जिले के जोशीमठ, पोखरी और गैरसैंण में लम्बे समय से रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती न होने से केंद्रों में लगी अल्ट्रासाउंड मशीनें धूल फांक रही हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं को प्रवस पूर्व जांच के लिये जिला चिकित्सालय की दौड़ लगानी पड़ रही है।

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व जांच के लिये जिले में जिला चिकित्सालय सहित गैरसैंण, जोशीमठ और पोखरी में अल्ट्रासाउंड मशीनें लगाई गई हैं। लेकिन जिला चिकित्सालय के अलावा यहां सभी स्थानों पर रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के लिये मीलों की दूरी तय कर जिला चिकित्सालय अथवा निजी चिकित्सालयों की दौड़ लगानी पड़ रही है। जिला चिकित्सालय में भी महज एक रेडियालॉजिस्ट की तैनाती की गई है। ऐसे में यहां तैनात रेडियालॉजिस्ट के अवकाश पर जाने पर गर्भवती महिलाओं के साथ ही अन्य मरीजों को भी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी तेजवीर सिंह और मनोज कुमार का कहना है कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में लगाई गई मशीनें तकनीशियनों क अभाव में खराब हो रही हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जन प्रतिनिधि इनके सुचारु संचालन को लेकर लापरवाह बने हुए हैं। ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों से हो रहे पलायन और स्वास्थ्य के प्रति सरकार की संवेदनशीलता स्पष्ट हो रही है।

 

जिले में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिये निदेशालय स्तर से पत्राचार किया गया है। साथ जिले भौगोलिक परिस्थितियों से भी उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। शासन की ओर से जिले में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की जानी है।

डा. जीएस राणा, मुख्य चिकित्साधिकारी, चमोली।

 

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