कर्णप्रयाग (चमोली)। चमोली जिले के कर्णप्रयाग में बुधवार को आयोजित भाकपा माले की गढ़वाल कमेटी की बैठक में बोलते हुए पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य संजय शर्मा ने कहा कि देश इस समय एक अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है, लिखने-बोलने समेत तमाम अधिकारों में कटौती की जा रही है। एक समय देश में लोगों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए कानून बने, आज लोगों के अधिकार छीनने के लिए कानून बदले और बनाए जा रहे हैं। शासन सत्ता में बैठे हुए लोग, जनता के प्रति अपने किसी कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे हैं, लेकिन वो जनता से चाहते हैं कि वह सिर्फ कर्तव्य का पालन करे, अधिकार की मांग न करे। जनता को अधिकार सम्पन्न नागरिक से कर्तव्यपरायण प्रजा में बदलने की कोशिश चला रही है। देश पर मोदी सरकार की ओर से लादे गए इस अघोषित आपातकाल के खिलाफ लड़ने के लिए वैचारिक मजबूती और सभी लोकतांत्रिक, जनपक्षधर ताकतों की व्यापक एकता की जरूरत है।
बैठक में पोलित ब्यूरो के सदस्य ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी के निर्माण और मजबूती का मतलब है, ऐसे विचार का सुदृढ़ होना, जो समाज के तमाम उत्पीड़ित और हाशिये पर खड़े लोगों के पक्ष में है. उन्होंने भाकपा (माले) के प्रसार और मजबूती पर विशेष जोर दिया। भाकपा (माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार लोगों के जमीन, जीविका और जीवन की लूट को बढ़ावा दे रही है। जो मुख्यमंत्री निरंतर लैंड जेहाद का राग अलाप रहे हैं, उनकी ही सरकार ने न केवल प्रदेश की तमाम जमीनों को बेचने का इंतजाम कर दिया बल्कि कानूनी रूप से यह भी सुनिश्चित किया कि जमीन जिस प्रयोजन के लिए बड़े पूंजीपति खरीदें, यदि उस प्रयोजन के लिए उसे प्रयोग न भी करें तो भी जमीन उन्हीं की रहे। विधानसभा में बैकडोर भर्ती करने वाले को मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया और अब वही मंत्री सरेआम मारपीट कर रहे हैं। उत्तराखंड में निरंतर सांप्रदायिक घृणा का प्रसार सत्ता की शह पर किया जा रहा है। दलितों पर हमले की घटनाऐं भी निरंतर बढ़ी है। जो चिंता का विषय है।
भाकपा(माले) के गढ़वाल सचिव अतुल सती ने कहा कि आपदा से जूझ रहे जोशीमठ के लोगों के प्रति सरकार का रवैया निरंतर संवेदनहीन बना हुआ है। पुनर्वास को लेकर अभी भी कोई नीति सरकार नहीं बना सकी है। एक तरफ बेमौसमी बरसात हो रही है, दूसरी तरफ होटलों में बने राहत केन्द्रों को खाली करवा कर लोगों को उन घरों में जाने पर मजबूर किया जा रहा है, जिन्हें प्रशासन स्वयं असुरक्षित घोषित कर चुका है। ऐसे में अब आपदा पीड़ितों के सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है।
बैठक में पार्टी को मजबूत बनाने पर विचार विमर्श हुआ और तय हुआ कि पार्टी की सदस्यता को बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। छात्र, युवा, महिला, किसान एवं ग्रामीण गरीबों को पार्टी से जोड़ने के लिए कदम उठाए जाऐंगे. बैठक में पार्टी की गढ़वाल कमेटी के सदस्य मदनमोहन चमोली, किशन सिंह बिष्ट, विनोद कुमार, संजय भंडारी, केएन डिमरी, धन सिंह बिष्ट आदि शामिल थे।