हर साल होती है चोरी की वारदात पर नहीं हो पाता खुलासा
जोशीमठ (चमोली)। भारत चीन सीमा से लगे चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के द्रोणागिरी, गरपक गांव में अज्ञात चोरों ने ग्रामीणों के घर के ताले तोड़कर घर में रखे सामान चुरा लिया है वहीं के अंदर रखी कई सामाग्रियों को नष्ट कर इधर-उधर बिखेरा गया है।
बता दें कि सीमांत नीती घाटी के गांवों में इन दिनों ग्रीष्म काल में प्रवास करने के लिए भोटिया जनजाति के लोग यहां आने लगे है। छह माह यहां पर बर्फवारी होने के कारण ये लोग छह माह नीचले क्षेत्रों में चले जाते है और ग्राष्मकाल में फिर से छह माह यहां पर काश्तकारी का काम करने पहुंच जाते है। शीत काल में नीचले स्थानों पर चले जाने के बाद इन घरों में कोई भी नहीं रहता है। सिर्फ ताले ही एक मात्र इन घरों के चैकीदार कहे जा सकते है।
द्रोणागिरी के ग्राम प्रधान रुद्र सिंह ने बताया कि ग्रीष्मकाल में प्रवास के लिए जब वे अपने गांव द्रोणागिरी लौटे तो कई घरों के ताले टूटे हुए मिले। घरों में रखा खाद्यान्न सहित अन्य आवश्यक सामानों को अज्ञात चोरों ने चुरा लिया है। कमरे में रखे सामानों को तोड़-फोड़ कर बिखेरा गया है। उन्होंने बताया कि जब वे द्रोणागिरी गांव में गए तो वहां दीवान सिंह, राहुल सिंह, भोपाल सिंह के घर के ताले टूटे हुए मिले हैं, वहीं गरपक में भी तीन घरों के ताले टूटे हुए मिले हैं। उन्होंने कहा कि छह माह शीतकाल में द्रोणागिरी के लोग निचले क्षेत्र मैठाणा, पुरसाड़ी, सैकोट, बिरही और गड़ोरा में रहते हैं। दीवान सिंह, राहुल सिंह, भोपाल सिंह ने बताया कि द्रोणागिरी गांव में पहले भी अज्ञात चोरों इस तरह की वारदात को अंजाम दे चुके है। जबकि इस संबंध में वन विभाग और प्रशासन को भी अवगत कराया गया था , मगर चोरी की पुरानी घटनाओं पर भी वन विभाग और प्रशासन ने किसी प्रकार से कोई कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब वे शीतकाल प्रवास के लिए अपने नीचले स्थानों पर चले जाते हैं तो हर वर्ष यहां पर चोरी की घटनाएं घटती रहती है मगर अभी तक किसी प्रकार से इन चोरियों का कोई खुलासा नहीं हो पाया है। जिससे ग्रामीणों में भी खासी नाराजगी है।