थराली (चमोली)। चमोली जिले के नारायणबगड विकास खंड के मींग-गडकोट-हंसकोटी मोटर मार्ग और इस मोटर मार्ग पर बना पुल निर्माण के नौ माह बाद ही क्षतिग्रस्त होने लगा है। जिस पर ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था पन निम्न गुणवत्ता का आरोप लगाते हुए पीएमजीएसवाई के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है।
बता दें कि नारायण बगड विकास खंड के एक दर्जन से अधिक गांवों को जोडने के लिए 2016-17 में पीएमजीएसवाई के तहत 540.46 लाख की लागत से मींग-गडकोट-हंसकोटी मोटर मार्ग 7.20 किलोमीटर स्वीकृत हुआ था। ग्रामीण दीपक चंन्दोला, त्रिलोक सिंह नेगी, विशन सिंह का कहना है कि प्रथम फेज से ही विभाग और ठेकेदार की मिली भगत से मानकों के विपरित कार्य कराया जा रहा है। जहां एक ओर सडक कटिंग के दौरान कोई डम्पिंग जोन न बनाये जाने से सारा मलबा कास्तकारों के खेतों में डाल दिया गया, वहीं प्रथम फेज में कोई भी वेस्ट वाल का निर्माण नहीं किया गया। जबकि इस दौरान क्षतिग्रस्त हुई पेयजल लाईन, संपर्क मार्ग और नहर को भी विभाग की ओर से ठीक नहीं करवाया गया है। इस संबंध में कई बार जिला प्रशासन समेत विभाग के आलाधिकारियों से पत्राचार किया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
उनका यह भी आरोप है कि इसी मोटर मार्ग पर पन्ती गधेरे में 18 मीटर स्टील गर्डर व्रिज 110.32 लाख की लागत से वर्ष 2000 में बन कर पूर्ण हुआ लेकिन गुणवत्ता के अभाव में पुल की साइड वाल और फ्रंट वाल उखडने लग गयी है साथ ही विगत दिनों हुई भारी वर्षा के दौरान पुल के पिल्लर के नीचे से जमीन खिसकने से पुल की स्थिति जर्जर हो गयी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में द्वितीय फेज में सड़क पर डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। लेकिन उसमें भी मानकों की अनदेखी की जा रही है जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है और विभाग की इस लापरवाही को लेकर आंदोलन का मन बना रहे है।
इधर मामले में पीएमजीएसवाई के एई दिनेश कुमार का कहना है कि उन्होंने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की शिकायत सुनी है। फिलहाल डामरीकरण का कार्य रोकने के लिए कार्यदायी संस्था को कहा गया है। वहीं पुल को भी ठीक करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।