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गोपेश्वर (चमोली)। सरकारों की ओर से भले दूरस्थ गांवों को विद्युतीकृत करने के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं। लेकिन लाइनों के रख-रखाव को लेकर चमोली में स्थितियों विकट नजर आ रही है। यहां पगना गांव की विद्युत लाइन पर लगे ट्रांस्फार्मर के खराब होने पर निगम के अधिकारियों ने ट्रांस्फार्मर को पैदल मार्ग पर ले जाने में असमर्थता जताई, तो ग्रामीणों को स्वयं कंधों में ढोकर ट्रांस्फार्मर को गांव तक पहुंचाना पड़ा। जिसके चलते 11 दिनों बाद गांव में विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी है। ऐसे में सरकार के दूरस्थ गांवों में विद्युतीकरण के दावों की जमीनी हकीकत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

बता दें कि सात अगस्त को घाट ब्लॉक के पगना गांव की विद्युत सप्लाई लाइन पर लगा ट्रांस्फार्मर खराब हो गया था। इसकी सूचना मिलने पर ऊर्जा निगम की ओर से सड़क मार्ग तक ट्रांस्फार्मर को पहुंचाया गया। लेकिन गांव तक की ढुलाई को लेकर विभागीय अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिये। जिस पर ग्रामीणों ने मंगलवार को श्रमदान कर ट्रांस्फार्मर को दो किलोमीटर कंधों में ढोकर गांव में पहुंचाया और 11 दिनों के बाद गांव में विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी है। नव युवक संघ अध्यक्ष मकर सिंह फरस्वार्ण ने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा ट्रांस्फार्मर को गांव तक पहुंचने के लिये बजट की कमी की बात कही गई। जिस पर ग्रामीणों ने श्रमदान कर ट्रांस्फार्मर गांव तक पहुंचाया है। इस मौके पर भरत सिंह, अनिल, कुलदीप, नरेंद्र लाल, बीरेंद्र लाल, प्रदीप, संतोष, विनोद, पूरण लाल, मनोज हयातू, भीम सिह, घिमन सिंह, देव सिंह, प्रेम ताजबर, हिम्मत सिंह आदि मौजूद थे। मामले में विभागीय अधिकारियों का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका है।

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