गोपेश्वर (चमोली)। रैंणी-तपोवन आपदा प्रभावितों की ओर से उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका को न्योयालय ने खारिज कर दिया है। जिसके बाद आपदा प्रभावितों ने अब मामले में उच्च न्यायालय में पुर्नविचार याचिका दाखिल करने की योजना बनाई है।
बता दें कि तपोवन-रैंणी आपदा प्रभावितों की ओर से आपदा के लिये जल विद्युत परियोजना की जिम्मेदारी तय करने व आपदा की जिम्मेदारी तय करते आपराधिक लापरवाही तय करने सहित विभिन्न मुद्दों को स्पष्ट करने को लेकर रैंणी ग्राम प्रधान भवान सिंह राणा, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य संग्राम सिंह, चिपको आंदोलन नेत्री गौरा देवी के पोते सोहन सिंह, कांग्रसे नेता व आंदोलनकारी कमल रतूड़ी व भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य व राज्य आंदोलनकारी अतुल सती की ओर से उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। लेकिन उच्च न्यायालय में सरकार व एनटीपीसी के वकील ने याचिकाकर्ताओं के इरादे व उनकी विश्वसनीयता पर सवाल करते हुए याचिकाकर्ताओं के गंभीर न होने और याचिकाकर्ताओं के इरादों से आश्वसत न होने की बात कही गई। जिस पर उच्च न्यायालय की ओर से जनहित याचिका खारिज कर दी गई है। जिस पर याचिकाकर्ता कमल रतूडी और अतुल सती ने बयान जारी कर कहा है कि उच्च न्यायालय से पुर्नविचार के अनुरोध करेंगे। यदि आवश्यकता हुई तो मामले में सर्वोच्च न्यायालय की शरण भी लेंगे।