देवाल (चमोली)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड के प्रसिद्ध वेदनी बुग्याल में बीते कुछ वर्षों से भूस्खलन शुरु हो गया था। जिसके बाद से यहां तैनात उप वन क्षेत्राधिकारी त्रिलोक सिंह ने यहां भूस्खलन क्षेत्रों को चिह्नित कर इनके रोकथाम की योजना बनाई। उनकी ओर से किये गये प्रयासों के तीन वर्षों बाद अब अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। भूस्खलन जोन में जहां घास जम गई है, वहीं मिट्टी का बहाव भी तीन वर्ष से नहीं हो रहा है। जिससे भूस्खलन जोन के थमने को लेकर आस बंधती नजर आ रही है।

बता दें कि एक दशक पूर्व वेदनी बुग्याल के निचले हिस्से में भूस्खलन सक्रीय हो गया था। जिसके बाद यहां वन विभाग के साथ ही अन्य लोगों की ओर से भूस्खलन रोकने को लेकर कई प्रयास किये गये। इसी क्रम में वर्ष 2018-19 में यहां तैनात उप वन क्षेत्राधिकारी त्रिलोक सिंह बिष्ट ने यहां प्रयोग के रुप में भूस्खलन क्षेत्रों को चिह्नित कर यहां चैक डेम निर्माण किया। जिसके बाद चैक डेम सहित भूस्खलन क्षेत्र में जूट की चटाई बिछाकर यहां औषधीय पादप कुटकी का रोपण किया। जिससे देखते ही देखते भूस्खलन जोन पर कुटकी की पौध जमने और मिट्टी के बहाव के रुकने से क्षेत्र में घास जमने लगी है। ऐसे में यहां बीते तीन वर्षों से बुग्याल के निचले हिस्से में रहे भूस्खलन में कमी आ गई है। विक्रम सिंह का कहना है कि इस काम में उच्चाधिकारियों व सहकर्मियों का पूरा सहयोग मिला। जिससे यह परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि घास जमने से जहां मिट्टी की पकड़ मजबूत होने से भूस्खलन की गति में कमी आई है, वहीं भविष्य में अन्य लम्बी जड़ वाले पौधों के जमने से भूस्खलन रुकने की आस है।

 

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