गोपेश्वर (चमोली)। मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे की अध्यक्षता में शनिवार को विकास भवन सभागार में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतों में विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिला अभिसरण समिति की बैठक हुई। जिसमें रेखीय विभागों को चयनित ग्राम पंचायतों में मूलभत आवश्यकताओं का सर्वे कर 15 दिनों के भीतर एकीकृत विकास योजनाओं के प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का उदेश्य ऐसे राजस्व गांव जिसकी जनसंख्या 500 से अधिक हो और इन गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या हो उन गांवों के विकास के लिए एकीकृत विकास माॅडल तैयार कर उन्हें आदर्श गांव बनाना है। जनपद चमोली में इस योजना के तहत नौ गांव चयनित है। जिसमें ग्राम पंचायत बूरा, चमोली-किरोली, मसोली, जौरासी, सलना, पूर्णा, खेता मानमती, हरि नगर लेटाल तथा हेलंग शामिल है। इन गांवों में पेयजल एवं स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पोषण,शिक्षा, समाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें, आवास, विद्युत, ईंधन, कृषि पद्धतियों, वित्तीय समावेशन, जीवन यापन व कौशल विकास मुहैया कराया जाना है। इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं एवं विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रत्येक गांव को 20 लाख की धनराशि भारत सरकार से स्वीकृत है। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विभागों को इस धनराशि के साथ गांव की आवश्यकता के अनुरूप विभागीय योजनाओं का कन्र्वेजेंस करते हुए अगले पांच वर्षो में गांवों के सामाजिक आर्थिक विकास के तहत अपेक्षित भौतिक सुविधाएं एवं सामाजिक अवसंरचना के विकास के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कहा कि ग्राम सभाओं के माध्यम से चयनित योजनाओं को जिला अभिसरण समिति में अनुमोदन के लिए रखा जाए।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि ग्राम स्तरीय अभिसरण समिति जिसके अध्यक्ष ग्राम प्रधान हैं समिति की ओर से गांव की जो भी योजना बनाई जाएगी उसका अनुमोदन ग्राम सभा की बैठक में कराया जाए और योजना का मिलान पूर्व में जीपीडीपी से अवश्य करें। इन चयनित गांवों में विभिन्न विभागों के अतिरिक्त बजट व अन्य योजना मनरेगा, बीएडीपी सहित अन्य स्रोतों से कन्र्वेजेंस कर कार्य किए जाए। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श गांव एक ऐसी संकल्पना है जिसमें लोगों को विभिन्न बुनियादी सुविधाएं व सेवाएं देने की परिकल्पना की गई है, जिसमें समाज के सभी वर्गों की न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति हो और आवश्यकताऐं कम से कम रहे। कहा कि योजना से गांव के प्रत्येक ब्यक्ति को लाभ मिले।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी योजनाओं के संबंध में चर्चा करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिला स्तर पर योजनाओं के अनुमोदन होने के उपरांत जल्द से जल्द कार्य शुरू करने एवं नियमित अंतराल पर कार्यों की समीक्षा करते हुए ससमय योजना को पूरा करने का निर्देश दिए। बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी टीआर मलेठा ने योजना के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान जिला विकास अधिकारी सुमन बिष्ट, जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष भंडारी, ईई जल निगम वीके जैन, ईई आरईएस अला दिया, डीपीओ संदीप कुमार, डीपीआरओ राजेन्द्र सिंह गुजियाल आदि उपस्थित थे।