उत्तर प्रदेश में चार चरणों का चुनाव सम्पन्न होने के बाद मुख्यमंत्री एवं भाजपा के कद्दावर नेता योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे लिए मतदाता एकजुट हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे प्रदेश में ‘गोमाता’ को कटने नहीं देंगे। न तो अवैध बूचड़खानों को चलने देंगे।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने चुनावी व्यस्तता के बीच हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी के साथ कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। ‘छुट्टा जानवरों (अन्ना पुश) से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम अन्नदाताओं की फसलों को नष्ट नहीं होने देंगे। इसके लिए भाजपा सरकार ने काफी काम किया है। हमारे पास कुछ अच्छे मॉडल्स भी हैं। हम उन्हें जल्द ही लागू करने जा रहे हैं। 10 मार्च के बाद इस दिशा में कार्य प्रारंभ होगा, जिनमें एक कार्य बड़े-बड़े गोशालाओं के निर्माण का भी है।

चौथे चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद योगी आश्वस्त दिखे। इससे जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन है। मुझे विश्वास है कि जनता हमारे कार्यों का मूल्यांकन करेगी और फिर से भाजपा को प्रचंड बहुमत देगी। इसमें कोई संदेह नहीं है।’ आगे उन्होंने कहा कि जनता सपा, बसपा और कांग्रेस के कारनामों को जानती है। उन्हें इस चुनाव में भी सबक सिखाएगी।

चुनावी आरोप-प्रत्यारोप के बीच बसपा के प्रति नरमी बरतने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट कर दूं कि दोनों पार्टियां समान रूप से दोषी रही हैं। भाजपा सरकार से ठीक पहले का कार्यकाल सपा का रहा है। सपा सरकार में प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने सबसे ‘निकम्मा’ मुख्यमंत्री (अखिलेश) घोषित किया था।

अपने पांच साल के अनुभव को साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने कठिन कुछ भी नहीं माना। जब भी चुनौती सामने होती है तो कार्य करने का एक अवसर भी मिलता है। जब हमलोगों ने उप्र में शासन की बागडोर संभाली थी तो प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी खराब थी। हर तीसरे दिन कहीं न कहीं ‘दंगा’ होता था। हमारी सरकार ने ‘सबको सुरक्षा, सबको सम्मान’ देने का काम किया। आज उप्र की कानून-व्यवस्था देश के लिए नजीर बनी है। बीते पांच सालों के दौरान हमने प्रदेश की छवि को बदलने में सफलता पाई है। हिजाब विवाद पर आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा यह विश्वास है कि देश की व्यवस्था संविधान से चलेगी, शरीयत से नहीं। यदि संस्था में कोई ड्रेस-कोड है तो उसे लागू होना चाहिए। हां, व्यक्तिगत रूप से या निजी कार्यों में कौन व्यक्ति क्या पहनता है, यह उसका निजी अधिकार है।

उत्तर प्रदेश चुनाव के चौथे चरण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिन्दुस्थान समाचार से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…

सवाल: अत्यधिक व्यस्त कार्यक्रमों के बीच आपने हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी को समय दिया, इसके लिए आपका धन्यवाद। समय प्राप्त करने के दौरान कई बार यह अनुभव आया कि आपके चुनावी कार्यक्रम आठों पहर लगे हुये हैं। इतनी व्यस्तता के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। आखिर यह कैसे संभव हो पता है?
जवाब: देखिए, सकारात्मक भाव से ऊर्जा आती है। मैं समझता हूं कि पहला कारण तो यही है। दूसरा ‘अध्यात्म’ हमसब की पूंजी है। ऐसा व्यक्ति जो प्रत्येक दिन योग से जुड़ी क्रियाएं करता है और उसका निरंतर अभ्यास करता है तो उसके भीतर ऊर्जा का संचार होता रहता है और शक्ति मिलती है। यही कारण है कि हमलोग लगातार कार्य कर पाने में सफल होते हैं। सकारात्मक भाव रखने और नियमित रूप से योग क्रियाएं करने से व्यक्ति हमेशा तरोताजा रहेगा। हमारी दिनचर्या की निधि सकारात्मक भाव और अध्यात्म है। इससे हमें 24 घंटे काम करने की प्रेरणा मिलती है।

सवाल: चार चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है। आपका अनुमान क्या है?
जवाब: मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाएगी। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

सवाल: इस बार भाजपा को कितनी सीटें मिलने का अनुमान है?
जवाब: यह पहला चुनाव होगा, जिसमें परिवारवादी, दंगावादी और माफियावादियों की जमानत जब्त होगी। कुल 80 फीसदी सीटों पर भाजपा का कब्जा होगा। तीन सौ से ज्यादा सीटें भाजपा गठबंधन को मिलने जा रही हैं।

सवाल: चुनाव प्रचार क दौरान भाजपा जातिवाद और परिवारवाद पर लगातार तीखा हमला कर रही है। आपकी सरकार पर भी जातिवाद के आरोप लगे। इसपर आप क्या कहेंगे?
जवाबः महाकवि तुलसीदास ने एक सुंदर पंक्ति लिखी है- ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।’ हम राष्ट्रवाद की बात करते हैं तो विरोधी लोग जातिवाद की बात करते हैं। हमलोग विकास की बात करते हैं तो वे वर्गवाद की बात करने लगते हैं। हमलोग गरीब कल्याण की बात करते हैं तो वे आतंकवाद का समर्थन करते हैं। इससे फर्क साफ हो जाता है। उनके पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है। वे परिवारवादी और अपनी सोच से दंगावादी हैं। उनकी कार्यपद्धति आतंकी गतिविधियों को प्रश्रय देने वाली है। प्रदेश की जनता भुक्तभोगी रही है। वह उनके ऊपर विश्वास नहीं करेगी।

सवाल: चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के निशाने पर सबसे अधिक समाजवादी पार्टी और पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार का कामकाज है, जबकि बसपा के प्रति थोड़ी नरमी दिखाई दे रही है। ऐसा क्यों?
जवाब: यह स्पष्ट कर दूं कि दोनों पार्टियां समान रूप से दोषी रही हैं। भाजपा सरकार से ठीक पहले का कार्यकाल समाजवादी पार्टी का रहा है। समाजवादी पार्टी की सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री को एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने प्रदेश का सबसे निकम्मा मुख्यमंत्री घोषित किया था। उन दिनों प्रदेश में कुशासन था। अराजकता थी और अव्यवस्था थी। इन सबसे लोगों को राहत देने में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार ने जो काम किया है, वह श्रेष्ठ है। पूरी बेशर्मी के साथ सपा ने आतंकवाद और माफिया का महिमामंडन किया। गरीब कल्याणकारी योजनाओं में सेंध लगाई, इसलिए चुनाव अभियान के दौरान वे ज्यादा फोकस हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त कोई विशेष बात नहीं है।

सवाल: विपक्षी पार्टियों का दावा है कि भाजपा को हिन्दू की तुलना में मुस्लिम मतदाता कम पसंद करते हैं। इसका क्या कारण है?
जवाब: हमारे लिए हर मतदाता एकजुट है।

सवाल- इस चुनाव में बुलडोजर की काफी चर्चा है। माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश के अभियान को खूब सराहा जा रहा है। सोशल मीडिया से लेकर चौक-चौराहों तक चर्चा है कि 10 मार्च के बाद आप ‘डायल बुलडोजर’ का शुभारंभ करेंगे। इसमें कितनी सच्चाई है?
जवाबः उत्तर प्रदेश का बुलडोजर विकास और सुशासन का आधार है। एक तरफ बुलडोजर एक्सप्रेस-वे और आधारभूत संरचनाओं को तैयार कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ माफिया की अवैध कमाई पर भी यह चलता है। माफिया की अनैतिक कमाई को जब्त कर यह गरीब कल्याणकारी योजनाओं को हर गरीब तक पहुंचाने का भी काम करता है। इसलिए विपक्ष बुलडोजर को मुद्दा बनाना चाहता था। इसपर हमने कहा- यह मुद्दा सकारात्मक है। मुझे प्रसन्नता है कि विपक्ष ने इसको मुद्दा बनाया। हमने इसको हाथों-हाथ लेकर कहा कि ठीक है- बुलडोजर, इंफ्रास्ट्रक्चर को भी डेवलप करेगा। माफिया की अवैध कमाई को भी जब्त करेगा।

सवाल: यह बताएं कि 80 बनाम 100, या फिर 90 बनाम 100 का मतलब क्या है?
जवाब: सीधी सी बात है- 80 बनाम 20 की पूरी लड़ाई है। 80 फीसदी सीटें भाजपा जीतेगी, जबकि 20 फीसदी सीटों का बंटवारा सपा-बसपा एवं कांग्रेस में होगा। यही 2017 में भी हुआ था। 2019 में भी हुआ है और 2022 में भी होगा।

सवाल: यदि ऐसा होता है तो आपकी अगली सरकार का विकास मॉडल क्या होगा?
जवाब: हमारे विकास का मॉडल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से ‘राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन’ है। एक बार फिर इन तीनों को साथ लेकर चलेंगे। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए हर नौजवान के हाथ में काम देना, प्रत्येक किसानों के जीवन में खुशहाली लाना, महिलाओं को स्वावलंबी बनाना, सभी नागरिकों को सुरक्षित माहौल देते हुए उनके सम्मान की रक्षा करना हमारा लक्ष्य है। सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ आजीविका की गारंटी देना हमारी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य रहा है। उत्तर प्रदेश को अगले पांच वर्षों में एक मिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की दिशा में अग्रसर करना है। इसके लिए एक निश्चित और दूरगामी कार्य योजना के साथ हम आगे कदम बढ़ रहे हैं।

सवाल: आबादी और भू-भाग के लिहाज से उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है। यह बताएं कि बीते पांच सालों में आपके लिए सबसे कठिन या चुनौतीपूर्ण कार्य क्या था?
जवाब: आपको यह सुनकर आश्चर्य होगा कि हमने कठिन कुछ भी नहीं माना। जब भी चुनौती सामने होती है तो कार्य करने का एक अवसर भी मिलता है। जब हमलोगों ने उप्र में शासन की बागडोर संभाली थी तो प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी खराब थी। हर तीसरे दिन प्रदेश में कहीं न कहीं एक दंगा होता था। अपहरण, लूट-पाट, दूराचार, हत्या, भ्रष्टाचार जैसी घटनाओं ने संस्थागत रूप ले लिया था। हमने सबसे पहले कानून-व्यवस्था बेहतर की। ‘सबको सुरक्षा, सबको सम्मान’ दिया। तुष्टीकरण नहीं किया। चेहरा या जति-धर्म को देखकर नहीं, बल्कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ करने का भाव प्रारम्भ किया। आज जब हमारा पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है, तो इस बात को बोल सकते हैं कि बीते पांच सालों में कोई दंगा नहीं हुआ। प्रदेश की कानून-व्यवस्था देश के लिए नजीर बनी है। हमें प्रदेश की छवि को बदलने में सफलता पायी है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था दोगुनी से ज्यादा बढ़ी है। निश्चय ही आने वाले समय में उत्तर प्रदेश नंबर-1 की अर्थव्यवस्था बनेगी।

सवाल: आपने ‘पुरोहित कल्याण बोर्ड’ के गठन की बात की है। यह आपकी इच्छा है या लोगों की मांग?
जवाब: कमोवेश यूपी के हर जिले के प्रत्येक गांव में एक मंदिर है। दूसरी बात यह कि कर्मकांड के साथ जुड़ाव रखने वाला एक बड़ा वर्ग है, जो लोगों की आस्था को संबल प्रदान करता है। इसके पीछे का भाव यह है कि भारत की सनातन धर्म की आत्मा, कर्मकांड के साथ-साथ मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर बसती है। उनके कल्याण के लिए कोई विशेष योजना आज तक नहीं बन पाई थी, इसलिए सरकार ने तय किया है कि हम एक ‘पुरोहित कल्याण बोर्ड’ बनाएंगे। पुरोहित कल्याण बोर्ड के माध्यम से ‘समग्र विकास’ और एक समावेशी विकास को ध्यान में रखकर उनके लिए एक योजना लेकर आएंगे। इसके साथ-साथ संस्कृत के अध्ययन और अध्यापन को भी प्रोत्साहित करेंगे।

सवाल: पिछले दिनों हिजाब का मुद्दा बहुत तेजी से उठा है। कर्नाटक में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या तक हो गयी। इस मुद्दे पर आप क्या सोचते हैं?
जवाब- हमारा यह विश्वास है कि देश की व्यवस्था संविधान से चलेगी, शरीयत से नहीं। दूसरी बात यह कि प्रत्येक संस्था का अपना अनुशासन होना चाहिए। यदि संस्था में कोई ड्रेस-कोड है तो उसे लागू होना चाहिए। व्यक्तिगत रूप से या निजी कार्यों में कौन व्यक्ति क्या पहनता है, यह उनका निजी अधिकार है।

सवाल: प्रधानमंत्री मोदी चुनाव के दौरान लोगों से एक नारा लगवा रहे हैं- ‘यूपी प्लस योगी= उपयोगी’ तो आप इसका क्या अर्थ निकालते हैं?
जवाब- बीते पांच सालों में उप्र में जो काम हुआ है, वह सब प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और उनकी प्रेरणा से ही संभव हो पाया है। उत्तर प्रदेश को लेकर प्रधानमंत्री का जो विकास मॉडल है, उसे प्रदेश की जनता ने 2014, 2017 और 2019 में स्वीकारा है। निश्चित रूप से 2022 में भी जनता इसे स्वीकार करेगी। मेरा यह मानना है प्रधानमंत्री मोदी के प्रति जनता जनार्दन का जो अपार स्नेह, समर्थन और विश्वास है, वही भाजपा की सबसे बड़ी पूंजी है। वे जब कोई नारा देते हैं तो आम नागरिक के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को भी गर्व की अनुभूति होती है।

सवाल: काशी,अयोध्या और विंध्याचल धाम के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर क्या कोई योजना है?
जवाब: मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, गोवर्धन इन सभी तीर्थ स्थलों पर विकास के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इन क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए ‘ब्रज तीर्थ विकास परिषद’ की ओर से हमारा कार्य पिछले चार वर्षों से प्रारंभ हो चुका है।

सवाल: वर्ष 2017 के पहले वाले उत्तर प्रदेश और 2017 के बाद वाले उत्तर प्रदेश में आप क्या अंतर देख रहे हैं?
जवाब: पहले की योजनाओं का आधार जाति और मजहब हुआ करता था। ईद और मोहर्रम पर बिजली मिलती थी। होली, दीपावली पर बिजली गायब हो जाती थी। अब सबको बिना किसी भेदभाव के बिजली मिल रही है। भाजपा योजनाओं का लाभ पहुंचाने में भेदभाव नहीं करती। भाजपा सरकार में उप्र के सभी क्षेत्रों में चतुर्दिक विकास हुआ है। मैंने सिर्फ उदाहरण के तौर पर यह बात रखी है।

सवाल: उत्तर प्रदेश में छुट्टा जानवर (अन्ना पशु) की भारी समस्या है। स्वयं प्रधानमंत्री ने अपनी जनसभा में इस बात को स्वीकार करते हुए समाधान निकालने की बात कही है। यदि दोबारा आपकी सरकार आती है तो समाधान के तौर पर आपने क्या सोचा है?
जवाब: हमारा स्पष्ट कहना है कि ‘गोमाता’ को कटने नहीं देंगे। अवैध बूचड़खाना चलने नहीं देंगे। साथ ही अन्नदाताओं के फसलों को भी नष्ट नहीं होने देंगे। इसके लिए हमारी सरकार ने काम किया है। आने वाले समय में हमारे पास कुछ अच्छे मॉडल हैं, हम उन्हें लागू करने जा रहे हैं। हमारी सरकार 10 मार्च के बाद इस दिशा में कार्य करेगी। उनमें एक कार्य बड़े-बड़े गोशालाओं के निर्माण का भी है।

सवाल: युवाओं को लेकर आपके पास क्या योजना है?
जवाब: हमने पिछली सरकार में पांच लाख युवाओं को पारदर्शी पूर्ण तरीके से नौकरी दी है। अगली सरकार में हर परिवार के एक युवक को नौकरी और रोजगार दिए जाएंगे। दो करोड़ नौजवानों के लिए टेबलेट और स्मार्ट फोन भी सरकार बनने पर दिए जाएंगे। इतना ही नहीं, बल्कि मेधावी छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी। इसके साथ ही प्रतियोगी छात्रों के लिए प्रत्येक जिले में नि:शुल्क अभ्युदय कोंचिग की सुविधा मिलेगी।

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