जोशीमठ (चमोली)। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने में अब कुछ दि नही शेष रह गये हैं। कपाट खुलने से पूर्व हर वर्ष होने वाले धार्मिक आयोजनों में से एक गरुड़छाड़ मेला, गुरूवार को जोशीमठ में आयोजित किया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीनाथ को गरुड़ में बिठाकर बदरीनाथ धाम के लिए रवना किया, मेले में छावनी बाजार से नृसिंह मंदिर तक रस्सी लगाई गई, सबसे पहले रस्सी में लकड़ी से निर्मित गरुड़ की प्रतिमा को छोड़ा गया, उसके बाद विष्णु भगवान की प्रतिमा को रस्सी के सहारे आगे भेजा गया।

मान्यता है कि भगवान विष्णु गरुड़ में बैठकर ग्रीष्मकाल के लिए अपने परम धाम बदरीनाथ के लिए रवाना हो गए हैं। सदियों से चली आ रही इस धार्मिक परंपरा के अनुसार भगवान बदरीनाथ को धाम के लिए गरुड़ में बिठाकर रवाना किया जाता है, मेले को करीब से देखने के लिए स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ ही तीर्थयात्री भी यहां मौजूद रहे। इस दौरान नृसिंह मंदिर में एक हजार रोट काटे गए, ज्योतिष्पीठ की ओर से नृसिंह मंदिर में एक हजार रोट काटकर विष्णु सहस्रनाम से नृसिंह भगवान का अर्चन किया गया,

इस दौरान बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी का अभिनंदन किया गया, ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि शिष्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के आदेशानुसार पूजा अर्चना की गई।

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