थराली। चमोली जिले के थराली विकास खंड के ग्वालदम में शनिवार को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्व विद्यालय की ओर से किसानों को एक दिवसीय जड़ी बूटी कृषिकरण कर प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर काश्तकारों को जड़ी बूटी के पौध भी वितरण किये गये।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा. विजय कांत पुरोहित ने जानकारी दी कि जीवंती वेलफेयर एवं चैरिटेबल ट्रस्ट, डाबर इंडिया लि. की ओर से प्रायोजित इस कार्यक्रम में हैप्रेक की ओर से किसानों को कुठ, कुटकी, मासी, अतीश एवं तगर की धरातल पर खेती करने की तकनीकी  जानकारी प्रदान करने के साथ ही पौध भी दी जायेंगी। उन्होंने किसानों को पौध लगाने की विधि, उपयोग एवं भविष्य में बाजार की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी। वन रेंजर मक्खन लाल धुनियाल ने कहा  कि पहाड़ी में जड़ी बूटी की खेती के लिए उपजाउ भूमि है इसलिए अधिक से अधिक संख्या में लोगों के जड़ी बूटी कृषिकरण कार्यक्रम से जुड़ने से जंगलों की निर्भरता को समाप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही ग्राम प्रधान मुन्नी देवी ने कहा कि इस प्रकार के स्वरोजगार के कार्यक्रमों को हम लोगों ने अपने गांवों में बढ़ावा देने लिए आगे आना होगा। जिससे हमारा किसान आत्म निर्भर बन सके। कार्यक्रम में किसानों को कुठ, कुटकी, टगर की दस हजार से अधिक पौध वितरित की गई। कार्यक्रम में उद्योगिनी के महाबीर सिंह रावत, अजय हेमदान, भवानी दत्त कोठारी, कमल पुंडीर आदि मौजूद थे।

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