गोपेश्वर (चमोली)। चमोली में एनएचआईडीसीएल की ओर से चार धाम सड़क योजना की हिल कटिंग से ऊर्जा निगम को हुए नुकसान की भरपाई चार माह बाद भी नहीं की जा सकी है। जिसको लेकर ऊर्जा निगम की ओर से किये जा रहे पत्राचार के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे विभाग को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
चमोली जिले में एनएचआईडीसीएल की ओर से बीते वर्ष से बड़े पैमाने पर चार धाम सड़क योजना के तहत हिल कटिंग कार्य किया गया है। जिससे बीते दिनों जिले के नंदप्रयाग, बाजपुर और अन्य स्थानों पर विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसके बाद एनएचआईडीसीएल की ओर से क्षतिपूर्ति की बात कहते हुए ऊर्जा निगम से क्षति का आंकलन रिपोर्ट मांग गई थी। जिस पर विभागीय अधिकारियों की ओर से एक करोड़ दो लाख 79 हजार 713 रुपये की धनराशि की मांग एनएचआईडीसीएल से की गई। लेकिन एनएचआईडीसीएल की ओर से वर्तमान तक भुगतान को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि विभाग की ओर से उपभोक्ताओं की समस्या को देखते हुए अपने संसाधनों से तत्काल क्षतिग्रस्त लाइनों का सुधारीकरण कर विद्युत आपूर्ति बहाल की गई। ऐसे में एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ऊर्जा निगम को क्षतिपूर्ति न मिलने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बदरीनाथ हाईवे पर चार धाम सड़क योजना के हिल कटिंग कार्य से विभाग की लाइन और टावरों के क्षतिग्रस्त होने से करीब डेढ करोड़ की परिसम्पतियां क्षतिग्रस्त हुई है। जिसका स्टीमेट एनएचआईडीसीएल को दिया गया है। लेकिन वर्तमान तक क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं हो सका है।
कैलाश कुमार, अधिशासी अभियंता, ऊर्जा निगम, गोपेश्वर-चमोली।
एनएचआईडीसीएल की ओर से यदि ऊर्जा निगम की क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया गया है। तो मामले को दिखवाया जाएगा, एनएचआईडीसीएल के उच्चाधिकारियों से वार्ता कर क्षतिपूर्ति का यथाशीघ्र भुगतान करवाया जाएगा।
स्वाति एस भदौरिया, जिलाधिकारी, चमोली।