जिलासू गांव के शिव सिंह ने 38 नाली भूमि में की फल-सब्जी की खेती
वर्ष 2000 में बीआरओ से सेवानिवृत्त होने के बाद शुरू किया काम
कर्णप्रयाग (चमोली)। सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद कई लोग स्वास्थ्य या अन्य कारणों से मैदानी इलाकों में मकान बनाकर रह रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने सेवानिवृत्ति होने के बाद गांव में ही खेती किसानी को अपनाया है। यही नहीं परंपरागत खेती के बजाए नकदी फसलों पर ध्यान दिया और अब हजारों की आय कर रहे हैं।
ऐसे ही एक किसान हैं जिलासू गांव के शिव सिंह बडियारी। वर्ष 2000 में बीआरओ से सेवानिवृत्त होने के बाद शिव सिंह ने आम और सब्जियों की खेती शुरू की। और वर्तमान में 40 से 60 हजार की बीच प्रति वर्ष मुनाफा कमा रहे हैं। जिलासू के 72 वर्षीय शिव सिंह बडियारी कहते हैं कि सेवानिवृत्त होने के बाद परंपरागत खेती में कोई लाभ नहीं मिल रहा था। जिसके चलते वर्ष 2007-08 में करीब अपनी 38 नाली भूमि पर आम के पेड़ लगाए। जो अब फल दे रहे हैं। पूरे बगीचे में करीब 150 पेड़ हैं जो सीजन पर फल देते हैं। बीते साल में उन्होंने 500 रुपये प्रति कैरेट (करीब 20 किलो) के हिसाब बगीचे में ही आम बेचे। अपने और रिश्तेदारों को भी वितरित किए। यही नहीं करीब 10 नाली भूमि में टमाटर, मटर, गोभी सहित अन्य सब्जियों की पैदावार भी कर रहे हैं। साथ ही तुलसी की खेती से भी मुनाफा कमा रहे हैं।
विभाग कर रहा है पूरी मदद
चमोली के मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद बडियारी के बगीचे का निरीक्षण किया। बडियारी प्रगतिशील किसान है। जिनके लिए अभी हाल ही में बड़ा पॉलीहाउस विभाग द्वारा दिया गया। साथ ही प्रशिक्षण देकर अन्य विभागीय योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और उद्यानीकरण के प्रति प्ररेणा दी जाएगी।