गोपेश्वर (चमोली)। वन रेंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करने की मांग के लिए जंतर मंत्र से लेकर जिला मुख्यालयों में आंदोलन करने की रणनीति तैयार करने के लिए शुक्रवार को पूर्व सैनिकों की एक बैठक चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में संपन्न हुई।
पूर्व सैनिक बोर्ड के नेतृत्व कमेटी के मेंबर सूबेदार मेजर त्रिलोक सिंह ने दिल्ली गोपेशवर पहुंचकर वन रेंक वन पेंशन को लेकर भविष्य में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैन्य बाहुल्य राज्य है। हर परिवार में सैनिक है। हम सभी को अपने हितो की लड़ाई के लिए जनपद मुख्यालय, ब्लॉक और तहसील मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन करना होगा। सामरिक दृष्टिकोण से भी हम सीमान्त क्षेत्र में रहते है ऐसे में सभी पूर्व सेनिको को अपने हित की लड़ाई के लिए सड़को पर उतरना होगा। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद भी कोई समाधान नहीं मिल पाया। इसलिए अब आंदोलन ही एक मात्र रास्ता है। पूर्व सेनिको का आंदोलन अनुशासित तरीके से होना चाहिए। वन रेंक वन पेंशन की विसंगतियों पर सरकार को निर्णय लेने के लिए मजबूर करना होगा ताकि हमारे पूर्व सेनिको का भविष्य सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि हम सरकार को चेतवानी देते है की अगर वन रेंक वन पेंशन के साथ जोखिम भत्ता को लेकर सही निर्णय नहीं हुआ तो देश की सेवा करने वाले सेना के जवानो को सड़को पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा। इस मौके पर कैप्टेन बीरेंद्र सिंह, कुंवर सिंह, दिनेश बत्र्वाल, सुरेंद्र तोपाल आदि ने अपने विचार रखे।