गैरसैण (चमोली)। गैरसैंण के सेरा-तेवाखर्क में सड़क सुविधा न होने से ग्रामीणों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। यहां बुधवार को दिल्ली से उपचार कर लौटे सेरा-तेवाखर्क निवासी हयात सिंह को सड़क न होने के चलते ग्रामीणों ने छह किलोमीटर कंधों में ढोकर गांव पहुंचाया।

स्थानीय निवासी हुकुम सिंह ने बताया कि गांव के हयात सिंह एक माह पूर्व बीमार होने के बाद से दिल्ली के आरआर हास्पिटल में अपना इलाज करवा रहे थे। लेकिन अब उपचार के बाद चिकित्सकों द्वार उन्हें आराम करने की सलाह दी गई तो अन्य कंही आवास की व्यवस्था न होने के चलते उनके परिजन उन्हें अपने गांव लाये। लेकिन यहां पैदल दूरी अधिक होने चलते ग्रामीणों ने कंधों में ढोकर हयात सिंह को उनके गांव पहुंचाया। ऐसे में सरकार की ओर से सड़कों के निर्माण को लेकर किये जा रहे दावों की जमीनी हकीकत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थानीय निवासी नरेंद्र सिंह, भरत सिंह, रोहित सिंह, बिशन सिंह, हरेंद्र सिंह, दलपी सिंह, कलम सिंह कठैत और रणजीत सिंह का कहना है कि गांव में सड़क सुविधा न होने और प्रशासन की अनदेखी से बीमारी के वक्त मरीज को हर बार कंधों में ढोकर चिकित्सालय पहुंचाना सेरा-तेवाखर्क के युवाओं की नियति बन गई है। कहा कि कई बार जन प्रतिनिधियों और प्रशासन से मांग के बाद भी स्वीकृत सड़क का निर्माण शुरु नहीं हो सका है।

 

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