गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के उर्गम घाटी के डुमक गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए ग्रामीणों ने अपने गांव में ही धरना शुरू कर दिया है। साथ ही एक जनवरी से पदयात्रा शुरू कर जिला मुख्यालय पर पहुंचने का निर्णय भी लिया गया है।

सैंजी लगा मैकोट-बैमरू-स्यूण-डुमक मोटर मार्ग की मांग को लेकर क्षेत्र की जनता एक लंबे समय से संघर्षरत है लेकिन ग्रामीणों की मांग को अनसूना किया जा रहा है। जिससे क्षेत्र की जनता में रोष बढ़ता जा रहा है। अब ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए गांव में ही धरना और पदयात्रा करने का निर्णय लिया है।

धरना दे रहे अंकी भंडारी, राजेंद्र सिंह भंडारी, अंकिता देवी का कहना है कि दूरस्थ गांव डुमक आजादी के 77वर्ष के बाद भी मोटर मार्ग की मांग कर रहा है।  प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रथम चरण में इस गांव को जोड़ने के लिए वर्ष 2009-10 वन भूमि हस्तांतरण के बाद सड़क का काम शुरू हुआ लेकिन डेढ किलोमीटर सड़क कटिंग के बाद ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। जो आज तक शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में ग्रामीणों को 20 से 30 किलोमीटर की पैदल दूरी तक कर आवाजाही करनी पड़ती है। सड़क निर्माण को लेकर लगातार संघर्ष किया जा रहा है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिससे अब ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता अपनाकर अपने हक को लेने की ठान ली है।  उन्होंने कहा कि एक जनवरी से डुमक के बजीर देवता मंदिर से जिला मुख्यालय गोपेश्वर तक एक पदयात्रा निकाली जायेगी जिसके लिए संयोजक बना दिए गये है। धरना देने वालों में अंकी भंडारी, विमला देवी, राजेंद्र सिंह भंडारी, लक्ष्मी देवी, सीता देवी, नरेंद्र सिंह, अंकिता देवी, पुष्पा देवी आदि शामिल थे।

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