गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के दूरस्थ क्षेत्र निजमूला घाटी के इराणी में 18 जून को क्षतिग्रस्त वैकल्पिक पुल का प्रशासन की ओर से निर्माण न होता देख ग्रामीण युवाओं ने श्रमदान से पुल का निर्माण कर लिया है। ऐसे में जिले में आपदा के दौरान हुए नुकसान के सुधारीकरण को लेकर प्रशासन की तैयारियों के दावों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
बता दें कि पीएमजीएसवाई की ओर से निजमूला घाटी के ईराणी गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिये वीरगंगा पर मोटर पुल का निर्माण किया जा रहा है। मोटर पुल का निर्माण गांव के पैदल मार्ग पर बने पुल के समीप किया जा रहा है। ऐेसे में सुरक्षा को देखते हुए विभाग की ओर से पैदल झूला पुल से ग्रामीणों की आवाजाही दो माह पूर्व बंद करवा दी गई थी। वहीं गदेरे के तल पर लकड़ी के पैदल पुल से आवाजाही करवाई जा रही थी। लेकिन बीती 18 जून को यह वैकल्पिक पुल नदी के उफान में बह गया था। जिसके बाद से ग्रामीण लगातार प्रशासन से वैकल्पिक पुल निर्माण की मांग कर रहे थे। लेकिन 15 दिनों बाद भी यहां वैकल्पि पुल निर्माण न होने से हो रही दिक्कतों को देखते हुए अब ग्रामीणों की ओर से यहां पैदल पुल का निर्माण कर लिया गया है। स्थानीय निवासी मोहन सिंह, घिमन सिंह, सुलप सिंह और हिमांशू का कहना है कि नदी पर पुल न होने से यहां दुर्घटना की संभावना बनी हुई थी। जिससे देखते हुए युवाओं की ओर से पुल का निर्माण किया गया है।
ईराणी के लिये निर्माणाधीन सड़क के चलते यहा पैदल पुल पर आवाजाही रोकी गई है। यदि यहां ग्रामीणों को किसी प्रकार से आवाजाही के लिये वैकल्पिक पुल निर्माण को लेकर दिक्कतें हुई हैं। तो मामला दिखवाया जाएगा।
नंद किशोर जोशी, आपदा प्रबंधन अधिकारी, चमोली।