गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले की निजमूला घाटी में गौणा के बाद अब ईराणी गांव में पक्षियों के मरने की घटना से ग्रामीणों में डर का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों की ओर से वन विभाग के अधिकारियों को मामले की जानकारी दी है। जिसके बाद वन विभाग की ओर मामले की छानबीन के लिये विभागीय कर्मचारियों की टीम को भेज दिया गया है।
बता दें कि मंगलवार को निजमूला घाटी गौंणा गांव में एक पक्षी के संदिग्घ परिस्थितियों में मौत के बाद ग्रामीणों ने बदरीनाथ वन प्रभाग से बर्डफ्लू की आशंका व्यक्त करते हुए जांच की मांग की थी। वहीं बुधवार को अब घाटी के ईराणी गांव में करीब आधा दर्जन मृत कौवों के मिलने से ग्रामीणों में बर्डफ्लू को लेकर डर गहराने लगा है। ग्राम प्रधान ईराणी मोहन सिंह नेगी और दिनेश सिंह का कहना है कि क्षेत्र में अचानक पक्षियों के मरने की घटना से लोगों में बर्डफ्लू की आशंका बढती जा रही है। जिसे देखते हुए वन विभाग से मामले की जांच करने की मांग की गई है।
निजमूला क्षेत्र में पक्षियों के मरने की सूचना मिलने के बाद विभागीय कर्मचारियों की टीम मौके के लिये रवाना कर दी गई है। जहां से पक्षियों के सेम्पल नेशलन इंस्टिट्यूट ऑफ हाईस्क्योरिटी (निसाद) भोपाल भेजा जाएगा। जहां बर्डफ्लू की पुष्टि की जाएगी। हालांकि ग्रामीणों एतिहातन सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं।
आशुतोष सिंह, डीएफओ, बदरीनाथ वन प्रभाग, चमोली।
चमोली जिले में अभी तक बर्डफ्लू के मामलों की कोई पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि विभाग की ओर से रुटीन में जिले के विभिन्न हिस्सों से बर्ड के सैम्पल जांच के लिये भेजे जा रहे हैं। वहीं तैयारियों के तौर पर जिले में दो पशु चिकित्साधिकारियों के नेतृत्व में रेपिड रिस्पोंस टीम का गठन किया गया है। ब्लॉक स्तर पर हर परिस्थिति से निपटने के लिये तैयारियां की जा रही हैं।
डा. शरद भंडारी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, चमोली।