तपोवन (चमोली)। चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में आई आपदा का शुक्रवार को छटा दिन चल रहा है। इस आपदा में प्रशासन की ओर से जारी आंकडों के अनुसार 204 लोग लापता है जिनमें से 37 लोगों के शव मिले साथ अभी भी तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की टनल में 30 से अधिक लोगों के फंसे होने की संभावना व्यक्त की जा ही है। जिसके लिए रेस्क्यू आपरेश निरंतर जारी है। लेकिन छह दिन बाद भी अभी तक टनल के अंदर फंसे लोग सकुशल है इसकी अब परिजन आस खोते जा रहे है। परिजनों की आंखों में अब आंसूओं का सैलाब ही नजर आ रहा है। दिन भर रेस्क्यू साइड पर टकटकी लगाये हुए है। कि अभी कोई अच्छी खबर मिलेगी। लेकिन यहां बढते वक्त के साथ ही टनल में फंसे लोगों की कुशलता को लेकर परिजनों की आस टूटने लगी है।
तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना में प्रशासन के अनुसार करीब 35 से 40 लोग स्केप टनल में फंसे हुए बताये जा रहे हैं। जिन्हें निकालने के लिये बीते पांच दिनों से यहां टनल में आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस प्रशासन की ओर से रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। लेनिक गाद युक्त मलबा होने से यहां रेस्क्यू कार्य में दिक्कतें आ रही है। ऐसे में दिन बढने के साथ ही आपदा में लापता हुए लोगों के परिजन अपनों की खोज में प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं। यहां ढाक गांव निवासी बलवीर ंिसह और भरत सिंह ने बताया कि घटना वाले दिन उनका भाई जो परियोजना में पम्प चालक का कार्य करता था। वह भी टनल में कार्य कर रहा था। लेकिन वर्तमान तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि दलदल को निकालने के लिये प्रशासन की ओर से सामान्य प्रक्रिया उपयोग की जा रही है। ऐसे में टनल में फंसे लोगों के जीवित होने की आस टूटती जा रही है। घाट निवासी रणजीत सिंह का कहना है कि उनका भाई भी यहां एनटीपीसी में कार्यरत था लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। वहीं टिहरी से अपने भाई की खोज में आये सचिन भी अपने भाई की तलाश में तपोवन पहुंचे है। शिमला से विकास भी अपने परिजन की खोज में पिछले छह दिनों से तपोवन में ही रूके है लेकिन अभी तक उनका कोई अतापता नहीं मिल पाया है।