गोपेश्वर (चमोली)। नाबालिग के से दुराचार के मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश चमोली राजेंद्र सिंह चौहान की अदालत ने अभियुक्त को दोषी पाते हुए दस वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

मामले के अनुसार चमोली जिले के एक गांव की एक 16 वर्षीय बालिका को 30 अक्टूबर 2018 को सुबह स्कूल जाते समय एक युवक के बहला फुसला कर अपने साथ ले जाने की लिखित तहरीर राजस्व पुलिस का दी गई थी। जिस पर राजस्व उप निरीक्षक ने मामले की जांच शुरू कर दी थी लेकिन बाद में जिला मजिस्ट्रेट चमोली के आदेश पर मामले की विवेचना रेगुलर पुलिस थराली थाने को सौंप दी गई थी। मामले की विवेचना कर रही उप निरीक्षक प्रेरणा चौधरी ने साक्ष्य एकत्र कर तथा पीड़िता को अभियुक्त के घर से बरामद कर उससे पूछताछ की गई। जिसमें पीड़िता ने बयान दिया कि अभियुक्त पीड़िता को प्यार का झांसा देकर बहला फुसला कर 30 फरवरी 2018 को अपने साथ दिल्ली ले गया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर दुराचार किया। जिसके फलस्वरूप पीड़िता गर्भवती हो गई। अभियुक्त के खिलाफ पोक्सो सहित अन्य धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। इस बीच अभियुक्त ने सजा से बचने के लिए 21 नवम्बर 2019 को पीड़िता से कोर्ट मैरिज भी कर ली गई। तमाम गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अभियुक्त को दोषी पाते हुए पोक्सो की विभिन्न धाराओं में दस साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक (पोक्सो) अधिवक्ता मोहन पंत ने की।

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