गोपेश्वर (चमोली)। बेरोजगारों के साथ इससे बड़ा भद्दा मजाक और क्या हो सकता है कि जब उत्तराखंड में डेंटल और ओटी टेक्नीशियन का कोई कोर्स होता ही नहीं और इन पदों पर भर्ती के लिए चिकित्सा सेवा चयन आयोग की ओर से 80 पदों के लिए भर्ती निकाली गई है। और इस पर उपर से एक और नियम लगा दिया गया है कि पदों पर आवेदन करने वाले को उत्तराखंड मेडिकल में इसका रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। है न गजब की बात।

उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन आयोग ने 13 अगस्त को विज्ञप्ति जारी की गई है। जिसमें विभिन्न प्रकार के पद के लिए भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन मांगे गये है। उसी में उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन आयोग ने डेंटल टेक्नीशियन और ओटी टेक्नीशियन के लगभग 80 पद के लिए उत्तराखंड मेडिकल फैकल्टी का रजिस्ट्रेशन मांगा गया। परंतु विडंबना यह है कि प्रदेश में डेंटल और ओटी टेक्नीशियन का वर्तमान में कोई भी कोर्स नहीं होता है और न ही इसका रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड में है। जिन बेरोजगार युवाओं ने इसका कोर्स किया भी है वह उत्तर प्रदेश मेडिकल फैकल्टी  से किया है परंतु उत्तराखंड फैकल्टी उनको रजिस्ट्रेशन नहीं दे रही है। प्रशिक्षित बेरोजगार युवा संतोष खत्री, दीपक गैरोला, राजेंद्र नेगी का कहना है कि सरकार रोजगार देने के नाम पर युवाओं के साथ मजाक कर रही है। जब प्रदेश में इस तरह का कोई कोर्स उपलब्ध ही नहीं है तो जिन युवाओं ने अन्य प्रदेशों से इसका कोर्स किया है तो उन्हें क्यों आवेदन करने से रोका जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री को भी एक ज्ञापन भेजा है लेकिन उस पर अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। बेरोजगार युवाओं का कहना है कि सरकार इस तरह की विज्ञप्ति निकाल कर युवाओं को रोजगार के नाम पर बरगलाने का काम कर रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब इस विज्ञप्ति में संशोधित तक प्रदेश से बाहर से कोर्स कर चुके युवाओं को भी इन पदों पर आवेदन करने का मौका दे ताकि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके।

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