राज्य के सुदूरवर्ती सीमान्त क्षेत्रों के पांच जनपदों को गोद लेने की की अपेक्षा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की ओर से समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। उन्होंने देश से जाति प्रथा और समाज में कुव्यवस्था को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। डा. अंबेडकर एक व्यक्ति ही नहीं विचार भी थे, एक नेता ही नहीं पथ प्रदर्शक थे और एक विचारक ही नहीं बल्कि समाज सुधारक थे।

गुरूवार को भारत रत्न बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की 131वीं जयन्ती के अवसर पर ओएनजीसी एकेडमी के नेहरू सभागार मे आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि बाबा साहब दलितों के ही नहीं बल्कि सर्व समाज के मसीहा थे। उन्होंने अपने कथ्य और कृत्य से ये कहा कि हिंदू धर्म की सभी जातियों में परस्पर प्रेम और सौहार्द होना चाहिए, और ये प्रेम और सौहार्द बराबरी पर आधारित होना चाहिए। वे सभी जातियों को बराबरी का हक देना चाहते थे, जैसे हमारे वेदों आदि में कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था थी ना कि जन्म आधारित वर्ण व्यवस्था। परंतु कालांतर में जन्म आधारित वर्ण व्यवस्था के कारण जातियों में परस्पर वेमनस्यता बढ़ गई। परंतु बाबा साहब के नेतृत्व में संविधान निर्माताओं ने इस खाई को दूर करने का प्रयास किया। और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने का प्रयास कर रहे हैं जहां सभी जातियों में एकता होगी प्रेम होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण की जो संकल्पना बाबा साहेब ने की थी प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन में वह पूर्ण हो रही है। समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक संचालित कार्यक्रमों का लाभ पहुंच रहा है।  2014 से लेकर अबतक सरकार की ओर से जो भी कल्याणकारी योजनायें संचालित की है, उनका लाभ सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की भावना के साथ क्रियान्वयन की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में संचालित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों का निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। प्रदेश में 60 लाख लोगों को यह सुविधा प्रदान कर योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने ओएनजीसी की सीएमडी से प्रदेश के सुदुरवर्ती क्षेत्रों जहां संसाधनो की कमी है, वहां के विकास में सहयोगी बनने के साथ ही राज्य के 5 जनपदों को अपने सामाजिक दायित्व के तहत गोद लेने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मात्र ओपचारिक न रहे बल्कि हमे समाज को कुछ देने की प्रेरणा देने वाला हो यही हमारी बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माता के रूप में उनका जो योगदान है उसका यह देश हमेशा ऋणी रहेगा। आधुनिक भारत की नींव तैयार करने में उनकी महती भूमिका रही है, बाबा साहेब की प्रेरणा से उसी नींव पर हम नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। भारत रत्न अम्बेडकर ने विभिन्न क्षेत्रों में अनगिनत कार्य करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने हमेशा वंचितों, गरीबों, दलितों का एक ही बात के लिए आह्वान किया कि अपनी पीढ़ी को शिक्षा से वंचित न होने दें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार इस दिशा में कार्य भी कर रही है। हर प्रदेशवासी बिना भेदभाव केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रहा है। बाबा साहेब के आदर्शों पर चलकर हम समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के सशक्तीकरण के लिए उनके प्रयास हम सभी को प्रेरणा देते रहेंगे। 

इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी, अध्यक्ष/प्रबन्ध निदेशक डा. अलका मित्तल, पूर्व सूचना सलाहाकार राजेन्द्र पंत ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर अधिशासी निदेशक मनोज बडथ्वाल, अधिशासी निदेशक एवं चीफ मानव संसाधन सोमेश रंजन, समूह महाप्रबंधक कार्मिक शशि के प्रसाद, समूह महाप्रबंधक मानव संसाधन अनिल कुमार, मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन आरएस नारायणी, कार्यकारी अध्यक्ष एवं महासचिव अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति संगठन जगमोहन कनौजिया आदि उपस्थित थे।

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