गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र के जीवंत ग्रामों (वाईव्रैंट विलेजेज) के छह गावों के काश्तकारों की नाप भूमि बीआरओ की ओर से अधिग्रहण करने के बाद भी आज तक काश्तकारों को मुआवजा नहीं दिया गया है। काश्तकार मुआवजे के लिए भटक रहे है। सोमवार को ग्रामीणों के शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी चमोली को ज्ञापन सौंप कर मुआवजा दिलवाने की मांग की है।

ग्राम प्रधान कागा पुष्कर सिंह राणा, प्रधान बांपा पीतांबरी देवी का कहना है कि सीमांत क्षेत्र के छह गावों की नाप भूमि बीआरओ की ओर से कुरकुती-गमशाली नीती मोटर मार्ग के चौड़ीकरण, विस्तारीकरण के लिए पांच वर्ष पूर्व अधिग्रहण कर लिया गया था, लेकिन अभी तक सीमावर्ती गांव के काश्तकारों को अपने नाप भूमि के बदले बीआरओ की ओर से कोई भी मुआवजा भुगतान नही किया गया। काश्तकार मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहे हैं। हर समय काश्तकारों को आश्वासन दिया जाता है कि मुआवजे की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जल्द ही मुआवजा आवंटन किया जायेगा, लेकिन मुआवजा नहीं मिल पाया है। जिससे काश्तकारों में रोष व्याप्त है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने सोमवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए वार्ता की गई कि यदि एक माह के भीतर काश्तकारों को मुआवजा नहीं दिया गया तो उन्हें कार्यदायी संस्था का निर्माण कार्य रोकने के लिए विवश होना पड़ेगा। उनका यह भी कहना था कि बीआरओ की जो कार्यदायी संस्था ओसिस कंपनी है, उस कंपनी के वजह से काश्तकारों को काफी नुकसान हुआ है।  कैलाशपुर प्रधान सरिता डुंगरियाल ने बताया कि पिछले वर्ष ओसिस कंपनी की ओर से कैलाशपुर गांव की तीन सौ नाली जमीन जिस पर गांव वालों ने नगदी फसल राजमा बोया करते थे। वहां पर सिंचाई की जो गुल थी उसे पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया जिससे उस तीन सौ नाली जमीन को ग्रामीणों ने बंजर ही रखा क्योंकि बिना सिंचाई के उस जमीन पर राजमा की बुआई संभव नहीं है। उन्होंने जिलाधिकारी से सिंचाई गुल ठीक करवाने तथा काश्तकारों को मुआवजा दिये जाने की मांग की है। जिलाधिकारी को ज्ञापन देने वालों में कागा प्रधान पुष्कर सिंह राणा, बांपा पीतांबरी देवी, पूर्व प्रधान फरकिया पूरन सिंह रावत, प्रधान गमशाली जशोदा देवी, बलबीर सिंह रावत, प्रधान कैलाशपुर सरिता देवी प्रधान कैलाशपुर आदि शामिल थे।

 

                   
                                                         

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