गोपेश्वर (चमोली)। बदरीकेदार के पूर्व विधायक कुंवर सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि हर्बल गार्डन उद्यान विभाग के बगीचों में न बनाकर अलग से वन पंचायत की भूमि पर बनाया जाए ताकि लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
सोमवार को उत्तराखंड के सीएम को भेजे पत्र में पूर्व विधायक ने कहा है कि औषधीय खेती को बढ़ावा दिये जाने के लिए उद्यान विभाग की ओर से प्रत्येक जनपद में हर्बल गार्डन बनाये जाने का निर्णय सराहनीय है लेकिन उद्यान विभाग के बगीचों को जड़ी बूटी शोध संस्थान को सौंप कर हर्बल गार्डन बनाये जाने का निर्णण गलत व अविवेकपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ऐसे ही कृषि विज्ञान केंद्र व प्राइवेट कंपनियों को हर्बल गार्डन बनाये जाने की योजना के निराशाजन परिणाम सामने आये है। जिसके ताजा उदाहरण चमोली कोठियाल सैण का उद्यान व रूद्रप्रयाग का घिमतोली उद्यान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में छह स्थानों पर हर्बल उद्यान बनाये जाने के लिए सरकार की ओर से तीन करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत हुई थी। लेकिन एक मात्र सुशीला तिवारी हर्बल गार्डन मुनीकीरेती के अलावा रूद्रप्रयाग चोपता, सोनगढ उत्तरकाशी, खिर्सू पौडी, छियालेख पिथौरागढद्व मोरनौला अल्मोडा व कालीगढ बागेश्वर अस्तित्व में ही नहीं आये है। इन हर्बल गार्डनों को प्राथमिकता के आधार पर बनाना चाहिए। तथा सभी हर्बल गार्डन उद्यान विभाग के बगीचों में स्थापित करने के बजाय अन्यत्र वन पंचायतों की भूमि पर करवाया जाए।