गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की प्रगति समीक्षा करते हुए बैंकों को लंबित ऋण आवेदनों का प्राथमिकता पर निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बैंकों ने जो ऋण आवेदन निरस्त किए है उनका कारण सहित स्थिति स्पष्ट करें।
बुधवार को जिलाधिकारी ने क्लेक्ट्रेट सभागार में बैंक अधिकारियों की बैठक लेते हुए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लंबित ऋण आवेदनों की गहनता से समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है और इससे जनपद के बेराजगार युवाओं को स्वरोजगार से जुड़ने का सुनहरा अवसर मिलेगा। जिलाधिकारी ने बैंक को अपने स्तर पर लंबित ऋण आवेदनों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए उनकेे निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 15 दिनों में आवेदन को स्वीकृत करते हुए ऋ़ण आवंटन करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ऋण स्वीकृत करने के बाद भी जो लोग इस योजना के तहत बैंक से ऋण नही लेना चाहते है उनसे स्पष्ट लिखित में लिया जाए। अगर किसी के आवेदनों में कुछ कमियां है तो इसको दूर करने में बैंक उनकी सहायता करें। संपर्क करने के बाद भी जो लोग बिलकुल ही उत्तर नही दे रहे है उनको पत्र लिखकर तिथि निर्धारित करते हुए अंतिम अवसर दें। इसके बाद भी अगर वह कोई उत्तर नही दे रहा है तो जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक से समन्वय स्थापित करते हुए उसका आवेदन लंबित न रखते हुए निरस्त करें। हिदायत दी कि बिना उचित कारण के स्वीकृत आवेदकों को ऋण आवंटित न करने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। इस दौरान विभिन्न बैंकों द्वारा निरस्त एवं लंबित आवेदनों पर विस्तृत चर्चा हुई।
लीड बैंक अधिकारी पीएस राणा ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत जिला स्तरीय समिति द्वारा 395 आवेदन बैंकों को भेजे गए थे। जिसमें से 165 आवेदन बैंको ने स्वीकृत कर 94 आवेदकों को ऋण आवंटित कर दिया है और 71 आवेदनों पर ऋण आवंटन की कार्यवाही गतिमान है। जबकि 81 आवेदन बैंकों में लंबित है। आवेदक का बैंक बदलने के कारण 33 आवेदन एक बैंक से दूसरे बैंकों को भेजे गए है। वही 116 आवेदकों ने ऋण लेने से मना कर दिया है, जिस कारण इनको बैंकों ने निरस्त किया है। समीक्षा बैठक में लीड बैंक अधिकारी प्रताप सिंह राणा, जीएम डीआईसी वीएस कुंवर सहित सभी बैंकों के शाखा प्रबंधक उपस्थित थे।