थराली (चमोली)। चमोली जिले के कोठली गांव में सड़क निर्माण के लिये पीएमजीएसवाई की ओर से स्थापित स्टोन क्रशर के संचालन को लेकर चिरखुन गांव के ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त की है। ग्रामीणों ठेकेदार और कार्यदायी संस्था की मिली भगत से यहां मानकों और अनुबंधन शर्तों की अनदेखी कर क्रश का संचालन करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अनियंत्री तरीके से चिरखुन गांव के निचले हिस्से में किये जा रहे खनन से गांव खतरे की जद में गया है। ग्रामीणों ने मामले में जिला प्रशासन से जांच कर कार्रवाई के साथ ही सुरक्षा कार्य करवाने की मांग उठाई है।
बता दें कि कि नारायणबगड़ ब्लॉक 30 किलोमीटर की रैंस-भटियाणा सड़क के द्वितीय फेस निर्माण हेतु पीएमजीएसवाई की ओर से कोठली गांव में मोबाइल स्टोन क्रशर की स्थापना की गई है। जिसके लिये राजस्व विभाग की ओर से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के प्रावधानों के अनुसार संचालन की अनुमति दी गई है। ग्राम प्रधान चिरखुन हरि प्रसाद जोशी, पूर्व प्रधान सुशील जोशी, राजेन्द्र प्रसाद कान्ती का कहना है कि ठेकेदार और कार्यदायी संस्था की मिलीभगत के चलते यहां चिरखुन गांव के निचले हिस्से में स्थित गडनी गदेरे में खनन कर उप खनिज निकाले जा रहे हैं। जिसके लिये ग्रामीणों अनापत्ति भी नहीं ली गई है। ऐसे में गदेरे में किये जा रहे अनियंत्रित खनन से जहां बड़े पैमाने पर वन सम्पदा नष्ट हो रही है। वहीं गांव को खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से गांव में हो रहे अनियंत्रित खनन को लेकर जांच कर कार्रवाई करने के साथ सुरक्षा कार्य करवाने की मांग उठाई है।
चिरखुन के ग्रामीणों की ओर से निराधार आरोपी लगाये जा रहे हैं। रैंस-भटियांणा सड़क का कार्य पूर्ण हो गया है। जिसके चलते कोठली में संयोजित क्रशर को डिस्मेंटल करने का कार्य किया जा रहा है।
प्रमोद गंगाडी, अधिशासी अभियंता, पीएमजीएसवाई, थराली।