गोपेश्वर (चमोली)। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर का दो दिवसीय 48वां वार्षिक क्रीड़ा समारोह पुरुस्कार वितरण के साथ विधिवत सम्पन्न हुआ।

क्रीडा समारोह के द्वितीय दिवस में आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में शतरंज में बालक वर्ग में विज्ञान संकाय के देवव्रत सेमवाल, हेमन्त तोपाल, संतोष सिंह ने प्रथम स्थान, वाणिज्य संकाय के  नीरज रावत, प्रकाश रावत, रोशन सिंह, ललित नेगी ने द्वितीय स्थान तथा बालिका वर्ग में विज्ञान संकाय की दिपिका, करीना, दीक्षा और सरस्वती ने प्रथम, वाणिज्य संकाय की रीता, प्रीति, आस्था, किरन ने द्वितीय प्राप्त किया। 100 मीटर दौड़ में बालक वर्ग में विज्ञान संकाय के जयदीप ने प्रथम, कला संकाय के मनोहर ने द्वितीय, विज्ञान संकाय के प्रकाश ने तृतीय, बालिका वर्ग में विज्ञान संकाय की रेनू संजना ने प्रथम और  कला संकाय की निशा ने प्रथम स्थान, कला संकाय की अवन्तिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

300 मीटर दौड़ में बालक वर्ग में कला संकाय के विजय सिंह ने प्रथम, कला संकाय के यशवीर ने द्वितीय, वाणिज्य संकाय के कृष्णा ने तृतीय, कला संकाय के विजय सिंह ने चतुर्थ स्थान, कला संकाय के गौरव सिंह ने पंचम स्थान प्राप्त किया।  बालिक वर्ग में कला संकाय के रितु ने प्रथम, वाणिज्य संकाय के सावित्री ने द्वितीय, कला संकाय के रितु आर्या ने तृतीय, कला संकाय के मेधा ने चतुर्थ स्थान, कला संकाय के सुमन बिष्ट ने पंचम स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बदरीनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने कहा कि एक जमाना था कि जब लोग खेल को समय बर्बाद करना समझते थे, लेकिन आज यदि आपको अपना सर्वांगीण विकास करना है तो हमें अपनी दिनचर्या के साथ कुछ समय खेल अथवा शारीरिक गतिविधियों को आवश्यक रूप से देना होगा। वैसे भी कोविड़ काल में सभी लोग अपने-अपने घरों के अन्दर एकांत में रहकर समय व्यतीत किया है। जिस के लिए खेल कार्यक्रम होना आवश्यक है। इतना ही नहीं आज खेल के क्षेत्र में युवाओं के लिए एक आकर्षक करियर विकल्प है।

कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य प्रो. आरके गुप्ता ने कहा कि खेल से हमारा तन-मन स्वस्थ रहता है इसलिए जीवन के विकास के लिए खेल की महती आवश्यकता है, जो प्रत्येक व्यक्ति को अपनानी चाहिए। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य विकास अधिकारी वरुण चैधरी एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट चमोली दीपक सैनी ने कहा कि छात्र छात्राओं को अपने पठन-पाठन के साथ-साथ खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी समान रूप से भाग लेना चाहिए।

 

                   
                                                         

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