गोपेश्वर (चमोली)। मृतका अंकिता भंडारी के माता पिता की ओर से अंकिता की हत्या के मामले में जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र लिखकर कुछ गंभीर खुलासे करते हुए वीआईपी के रूप में आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता के नाम लिये जाने के बाद मंगलवार को चमोली जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से एक ज्ञापन राज्यपाल को भेज कर मामले में उचित कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
कांग्रेस के नगराध्यक्ष योगेंद्र सिंह बिष्ट ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में अंकिता के माता पिता ने जिलाधिकारी पौडी को एक पत्र भेज कर वीआईपी के नाम का उल्लेख किया है। जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। साथ अंकिता के केस की पैरवी कर रहे वकीलों पर सरकार की ओर से दबाव बनाए जाने के प्रमाण भी दिए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की ओर से अभी तक रिजॉर्ट पर जेसीबी चलाने के आदेश देने वाली यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट और एसडीएम प्रमोद कुमार के खिलाफ भी कारवाई न करने से भी सरकार की मंशा स्पष्ट होती है। अंकिता हत्याकांड का खुलासा होने के बाद रिसोर्ट पर जेसीबी चलना और दो बार आग लगना इस बात को बताता है कि यह सोची समझी साजिश और षड्यंत्र के तहत महत्पूर्ण साक्ष्य और सबूत को मिटाने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने ही रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवाया इसके पुख्ता प्रमाण उत्तराखंड कांग्रेस के पास है। जबकि साक्ष्य और सबूत मिटाना एक संगीन अपराध है। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुरू से ही कोताही बरती है और तरह तरह के हथकंडे अपना कर इस पूरे मामले को कमजोर करने का प्रयास किया है। जिसकी उनकी पार्टी भर्त्सना करती है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को भेजे गये ज्ञापन में मांग की गई है अंकिता भंडारी के माता-पिता की ओर से भेजी गये पत्र का संज्ञान लिया जाए और उसमें उनकी ओर से जो गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हाई कोर्ट के सिंटिंग जज की निगरानी में कराई जाए ताकि डेढ़ साल से अंकिता भंडारी हत्याकांड का पटाक्षेप हो सके। ज्ञापन सौंपने वालों में नगर अध्यक्ष योगेंद्र सिंह बिष्ट, जिला उपाध्यक्ष आनंद सिंह पंवार, भगत कनियाल, जिला महामंत्री संदीप झिंक्वांण, सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र बर्त्वाल, एमएल खनेड़ा, अनुजाति नगर अध्यक्ष मदनलाल, गोपाल सिंह रावत, नीरज परमार आदि शामिल थे।