घाट (चमोली)। चमोली जिले के घाट-नंदप्रयाग मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन एक माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी को सकारात्मक पहल शुरू न होने पर क्षेत्रवासियों ने रविवार को घाट से नंदप्रयाग तक विभिन्न स्थानों पर मानव श्रृंखला बना कर सरकार के विरोध में नारे बाजी की।
बता दें कि घाट-नंदप्रयाग मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर बीते 5 दिसम्बर से घाट विकास खंड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जो वर्तमान समय तक जारी है। आंदोलनकारियों की ओर से कई बार शासन प्रशासन से पत्राचार किया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को आंदोलनकारियों के साथ मिलकर मानव श्रृंखला बना कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाऐं अपने पारंपरिक वेशभूषा व गाजेबाजे के साथ सड़क पर उतरी थी। सड़क के किनारे कई स्थानों पर धूप न होने के बावजूद महिलाऐं अलाव जलाकर मानव श्रृंखला को बनाये हुई थी जो आंदोलन की मजबूती को प्रदर्शित कर रहा था। आंदोलन में शिकरक्त करने पहुंचे युवा, बुजुर्ग महिलओं को सरकार के प्रति आक्रोश साफ झलक रहा था। आंदोलनकारी मनोज कठैत, लक्ष्मण सिंह राणा, सुखवीर रौतेला, सुरेंद्र भंडारी आदि का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सड़क का चौड़ीकरण न होना दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार क्षेत्र के विकास के प्रति जो रूखापन अपनाये हुए है। वह आने वाले भविष्य में सरकार के लिए सुखद नहीं होगा। इसका खामियाजा सरकार को आने वाले विधान सभा चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।
क्या है क्षेत्र की विशेषता
दरअसल घाट ब्लाक को नंदा राजराजेश्वरी भगवती का मायका माना जाता हैं। प्रत्येक 12 वर्ष अथवा लग्नानुसार विश्व की सबसे लंबे पैदल यात्रा श्री नंदा राजजात यात्रा का प्रमुख केन्द्र के साथ ही प्रत्येक वर्ष भादों मास में आयोजित होने वाली श्री नंदा लोक जात यात्रा का आगाज इस ब्लाक के नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ से होता है। सिद्धपीठ के कारण ही प्रति वर्ष हजारों की संख्या में यहां पर देवी भक्तों का आना जाना लगा रहता हैं। एक तरह से पूरा घाट प्रखंड धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है लेकिन उचित यातायात सुविधा के अभाव में स्थानीय निवासियों के साथ ही यहां आने वाले देवी भक्तों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।
बताते चलें कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र 19 किमी मोटर सड़क की स्थिति आज भी बदहाल बनी हुई हैं। 55 ग्राम पंचायतों वाले घाट ब्लाक मुख्यालय तक 1962 में सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तब से इस में थोड़ा बहुत सुधार के अलावा बहुत कुछ अधिक नहीं हुआ हैं। दशकों से भूस्खलन, बाढ़, सड़क कटाव सहित तमाम अन्य दिक्कतों के चलते इस सड़क की स्थिति बद से बदत्तर हो गई हैं।